बिखरे बालों में बहुत कुछ सिमटी है
वो आंखो में बादल छाए हुए है
मुलायम गालों पर बिजली चमकी है
दिल के दर्द को जुबान पर लाई है ।
कुछ कहने कि हिम्मत कर रही है
उबल रही ज्वालामुखी तड़प रही है
अंदर ही अंदर घुटन महसूस हो रही है
नमी निगाहों तो बहुत कुछ बता रही है।
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