Prefer not to call Software as a Service as #SaaS.
Mother-in-law in Hindi (Indian language) is called Saas.
Consider words like
SaaS offer
SaaS #Intel
SaaS on #cloud
SaaS #AWSoutage
SaaS #security
SaaS #antipattern
SaaS #Oracle
#Fidelity SaaS
& I 'm like #LoL-
अपने ज़िगर के टुकड़े को,
तुम्हारा चाँद कर देती है !
पर दो बातें कह दे अगर,
तो सास बुरी हो जाती है !
अपने घर की मलकियत को,
तुम्हारे हाथ में दे देती है !
पर सही गलत बता दे अगर,
तो सास बुरी हो जाती है !
तुम्हारे ज़रा से बुखार में यार,
सिर पर पट्टी वही रखती है !
पर जरा सी तल्ख़ी दिखा दे अगर,
तो सास बुरी हो जाती है !!-
✍🏼जित
सास बहू में क्यो नही बनती है बात ,
हर बार क्यो बीच मे आ जाते है जज्बात ।।
बेटी की मनमानी को क्यो देते है हर बार हामी,
बहू की बोली में इतनी क्या आ जाती है खामी ।।
माना हर सास में कुछ तो होती है अच्छाई ,
फिर क्यों बहू की दब जाती है सच्चाई ।।
बहू भी भूल गई आज लाज का झीना घूँघट ,
तभी कई बार सासु की आँखों मे लगता पनघट ।।
रहो दोनो हँस के साथ तब लगोगी खुशी की मूरत,
तभी दुनिया भी कहेगी देखो जोड़ी है कितनी खूबसूरत !!-
कोई तो होगी जो मेरी माँ को माँ कहेगी
ये सास बहू का रिश्ता मुझे अच्छा नहीं लगता-
दुनिया की वो सास खुश नसीब हैं जिसकी बहू समझदार हैं।
दुनिया की वो बहू खुश नसीब हैं जिसकी सास समझदार हैं।
अगर सास और बहू दोनों समझदार हैं तो जिस घर में हैं वो घर स्वर्ग हैं।-
अपने जिगर के टुकड़े को,
जो उसके नाम कर देती है,
उसी बहू के लिए हमेशा,
सास बेग़ैरत ही होती है !!-
Tera sapna hu m
Pr teri haqeeqat mujhe banna hai
Teri manjil hu m
Pr tere raste pr chalna hai
Teri khwahish hu m
Pr teri aadat mujhe banna hai
Tere sth hone k ehsaas hu m
Pr teri haar ek saas m mujhe rehna hai
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❣️घर का सारा काम निबटा के, फिर ऑफिस जाती हु,
शाम को घर लौटकर, फिर काम में लग जाती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मैं बन पाती हु?
जींस नही पसंद आपको,तो सूट साड़ी पहन,खुद को सजाती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मै बन पाती हु?
पैर सुबह जब छूती हु, कब आपका मन मैं छू पाऊंगी,
कभी तो बेटी वाला स्नेह आपसे पाऊंगी,
बस ये सोच रह जाती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मैं बन पाती हु?
आपके कहने पर व्रत सब मैं रखती हु,
पूजा पाठ सब धर्म आपके हिसाब से करती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मैं बन पाती हु?
कहो जो आप मायके नही जाना,
नही होता अब काम मुझसे तेरे जाने पर,
तो मन कचोट के बस अपना चुप हो जाती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मै बन पाती हु?
मायके से तो बस लिया हमेशा मैने,
ससुराल में हर महीने का हिसाब आपको बतलाती हु,
हो फिजूल खर्ची कभी जो, तो डांट भी खाती हु,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मैं बन पाती हु?
सबसे मिलजुलकर हस बोलकर, मेहमानों में घुल मिल जाती हु,
हर महीने, तनख्वा तक अपनी, आपके हाथों में थमाती हू,
मां जी, फिर भी क्यों आपकी बेटी न मैं बन पाती हूं?❣️-