सौभाग्य ये मिल जाए मुझे बंध जाऊं प्रेम के नाम से
जैसे सिया पति राम है, वैसे मिल जाए राधिका श्याम से
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एक स्त्री
यमुना तट पर विचरण करती है
वृन्दावन के वनों में भटकती है
सुरों के बिखरे मोती पिरोती है
उस बाँसुरी धुन का इन्तेजार करती है
एक स्त्री
जिसका यौवन भी ढल चुका है
प्रेम अमृत के प्यास में बैठी है
विरह की अग्नि में जलते जलते
जो पिया मिलन के आस में बैठी है
एक स्त्री
जिसके कानों में प्रेमी का गीत है
जिसके आँखों मे प्रेमी का चित्र है
सबकुछ होकर कुछ नहीं है यहाँ
हाँ, स्वयं उसका प्रेमी ही नहीं है जहाँ
एक स्त्री
कृष्ण सुर में जो प्रियसी कहलायी
जो प्रेम में घुलकर प्रेमिका कहलायी
विरह अग्नि में तप विराहिनी कहलायी
हाँ, संसार में वो ही स्त्री राधिका कहलायी-
जिसको
त्वचा का निखार
बढ़ाना हो
वो इस विधि का
उपयोग कर सकता है
boy and girl
दोनों पर ये विधि
लागू होती है
😂🤣😂🤣🤣🤣-
ख्वाबो की बस्ती में हुस्न के चाँद का दीदार कर रहे है
नही-नही आसमाँ नही देख रहे हम इंतजार कर रहे है-
घबराओ मत मिट्टी को मिट्टी में मिला देना तुम
एक काम करना मेरे सब खत जला देना तुम
जो पूछ लें तुमसे कोई मोहब्बत केसी होती है
नमक उठाना और चाय में मिला देना तुम-
खिलती हुई बगिया उजाड़ देते हैं लोग
करके अपनी हवस पूरी ज़िन्दगी बिगाड़ देते हैं लोग-
कोशिश बस इतनी
कि तुम कभी
खफा ना हो हमसे,
और जाना;
हसरत बस इतनी की,
उन सर्द रातों में.
तुम जुदा
ना हो हमसे ....!-
जितनी बार देखु उतनी बार जाता हूं सहर
तुम्हारी हर अदा जैसे कोई ग़ज़ल की बहर
दृग तुम्हारे,तुम्हारी बाली और तुम्हारा वेश
तुम लड़की हो या कोई सौन्दर्य शहर
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गुणों से संपन्न और चेहरे से हसीन हो तुम
तुम्हें खुद नहीं पता कि कितनी बेहतरीन हो तुम
Wish you happy many many
returns of the day
Happy birthday my sweety 😍
🎂🎂🎂🎂-