ना एक कदम दूर हूँ,ना एक कदम पास हूँ,
जो मंज़िल मुझे चाहिए,मैं उससे सैकड़ो मिल दूर हूँ|-
Manjil dur hai Ham chal kar jaenge
Der se Hi theek per pahunch hi jaenge....
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Not all relationships gets broken when you stop talking, but sometimes you have to stop talking so that some relationships doesn't break..
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Remember that failure introduces us to the world and success introduces us to the world
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हक़ीक़त तो उसको पता है हमारी।
उसको चाहना जैसे ख़ता है हमारी।
उस बिन यारों जी नहीं सकते हम।
उस बिन जीना जैसे सज़ा है हमारी।
उसको देखना और उसको चाहना।
और उसकी सोहबत दवा है हमारी।
उसका क्या है वो तो एक "परी" है।
उसे सोचना जीने की वज़ा है हमारी।
बेइंतहा मोहब्बत करते हैं हम उससे।
अब "रब की मर्ज़ी में" रज़ा है हमारी।
एक हसीन इत्तेफ़ाक़ था उससे मिलना।
वहीं स्याह ज़िंदगी की सुबा है हमारी।
उसको चाहना एक मात्र काम है "अभि"।
उसी से ज़िंदा है हम, वो हवा है हमारी।-
तू चंदन-चंदन सी महकती है जाना, मैं कुंदन-कुंदन हो जाता हूँ।
तू पुरवा बयार सी बहती है, मैं अपना ठोर कहाँ पाता हूँ।
तेरा ही हूँ मैं मेरे साथिया मैं बस तेरा होकर के ही रह जाता हूँ।
चाहे नील गगन में कहीं पर भी जाऊँ, तुझ पर ही ठहर जाता हूँ।
तेरा ही बनाया हुआ चलचित्र हूँ यारा, केवल तुझ तक ही पहुँच पाता हूँ।
इस अलौकिक संसार में कई दृश्य देखे, तुझसे बेहतर नहीं पाता हूँ।
पवित्र आत्मा है तेरी मैं तेरा पुजारी हूँ, चरणों में शरण चाहता हूँ।
अनंत काल की यात्रा करनी है संग मुझे तेरे, तेरे पास रहना चाहता हूँ।
बीत गए जो दिन रैन संग तेरे वो स्वर्ग सरीखे थे मेरे लिए, फिर से चाहता हूँ।
अब के मिलेंगे तो इस बार तुमको मैं न जाने दूँगा, इतना कहना चाहता हूँ।
भरकर बाँह पाश में इस बार तुमको जकड़ लूँगा, ये ग़लती करना चाहता हूँ।
बहुत ही ज्यादा प्रिय हो तुम हमें, जान हो हमारी ये फिर से बताना चाहता हूँ।
मेरे मन का पंछी हिलोरें मारने लगता हैं जब आप दिख जाती हो साथिया।
आपके पथ का राही हूँ प्रिये केवल आपका होकर रह जाना चाहता हूँ।
आओगी जो इस बार फिर से संग अपने बहार लेकर आना मेरी संगिनी।
आपके संग वाली कुछ छवि स्व शयनकक्ष की दीवारों पर चाहता हूँ।
बाँधकर रख लिया है आपके संग बंधन अनवरत साथ का, आनंद है।
इस अतुलनीय आनंद को मैं नाचीज़ "अभि" आजीवन लेना चाहता हूँ।
आपका ही साथी हूँ जान हर क़दम आप के संग ही चलना चाहता हूँ।-
मुश्किलें तो आती ही रहेगी "अभि" उनका तो काम ही है आना।
आप रणबांकुरे हो साथी, आपका काम है उनको मार के भगाना।-
अहंकार से बचना, इसकी आग में कभी भी मत जलना।
बस मेहनत करना और उसी को अपनी "दौलत" कहना।
बाक़ी सब कुछ कोई चुरा लेगा, छीन लेगा, इसको नहीं।
इस बात को सोचकर के अपनी मेहनत पर "गर्व" करना।
"मेहनत" से इंसान इस जीवन में कुछ भी पा सकता है।
"मेहनत और लगन के दम पर" तुम आगे ही बढ़ते रहना।
लक्ष्य कोई भी हो कैसा भी हो मिल ही जाएगा एक दिन।
तुम बस लगन के साथ डटकर बढ़ते रहना, चलते रहना।
इस बात की चिंता मत करो कोई कितना आगे बढ़ गया।
तुम को "अपनी राह चलनी है", चलते रहना, मत रुकना।
अपने अंदर तुम सहजता को कूट-२ कर भरकर रखना।
लाख समृद्ध हो जाओ लेकिन अपने में सहजता रखना।
तुम्हारे धन-दौलत से किसी का "पेट नहीं भरने वाला है"।
तुम्हारी मीठी बोली से मन ख़ुश हो सकता है, याद रखना।
आख़िर अहंकार किस चीज़ पर और किस बात का करना।
आज़ जो है पास तुम्हारे कल चला जाएगा, फिर क्या करना।
इस जीवन का खेला ऐसे ही चलते रहता है, याद रखना।
आज़ जो तेरा है कल किसी का हो जाएगा, ध्यान रखना।
अपने आप में मिठास और मेल-मिलाप लाना है "अभि"।
उसके बाद "सब तेरे हो जायेंगे" एक दिन फिर तू देखना।-
उसके साथ मैं अपने सारे दर्द-ओ-ग़म भूल जाता हूँ।
उसके पास आते ही "अभि" मैं बेइंतहा सुख पाता हूँ।
एक बस उसकी दूरियाँ ही मैं कभी सह नहीं पाता हूँ।-
जीवन का उद्देश्य हर हाल में पूरा होना चाहिए।
जीवन के हर क्षेत्र में मेहनत पूरा होना चाहिए।
कोई भी कार्य असंभव नहीं होता है मेरे साथी।
बस प्रयास पूरे मन के साथ पूरा होना चाहिए।
कभी धूप मिलेंगे तो कभी ठंडी वर्षा की बूंद।
हर हाल में हमें खुदको तैयार रखना चाहिए।
दिमाग सबका सब समय काम नहीं करता है।
सबको होशियार होने का प्रयास करना चाहिए।
अच्छी बातें भी होती हैं सबमें और बुरी भी।
हमारा ध्यान बुरी के सुधार पर होना चाहिए।
तैयारी के लिए सबको समान समय मिलता।
इसके लिए सबको समझदार होना चाहिए।
कौन पीछे छूट गया इसकी कोई कदर न करें।
इसलिए हमें जीत के तलबगार होना चाहिए।
कोई नहीं आएगा हमारे सपने पूरे करने को।
हमें ही अपने आप पर ऐतबार होना चाहिए।
जीत कोई स्थिति नहीं जिसे हासिल कर लिया।
ये तो एक प्रक्रिया है जो अनवरत चलनी चाहिए।
तेरे बाद "क्या होगा" मुझको नहीं पता "अभि"।
पर तेरे होने तक तो ये मसाल जलनी चाहिए।-