मसरूफ़ थी काम करने में मगर यही एक काम नहीं कर पाई साज़िशे तो मैंने बहुत की लेकिन मर नहीं पाई..!
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"Neither am i superior;
Nor are you inferior;
Henceforth it's not you & me
It is only us; the way conrtyard is
Connected to the house; similarly,we will be equal the way kanha is incomplete without Radha similarly my story is incomplete without you;
' i will always be with you;
We are going to take circumambulations;
Every circumambulations signifies one birth; i will love you more than before;
I am happy that I've tearsin my eyes;
Naither am i superior nor are you inferior; you are i are we henceforth"
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तेरी रूह से अपनी सांसों को जोड़ चुकीं हूं
अब कोई कुछ भी बोले मैं तेरी हो चुकीं हूं..!-
कैसे कहूं कि अपना बना लो मुझे,
बाहों में अपने समा लो मुझे।
बिन तुम्हारे एक पल भी नहीं कटता,
तुम आ कर मुझी से चुरा लो मुझे।
जिंदगी तो वो है जो संग तुम्हारे गुजरी,
दुनियां के गमों से अब चुरा लो मुझे।
मेरी सबसे गहरी ख्वाहिश हो पूरी,
तुम अगर पास अपने बुला लो मुझे।
ये कैसा नशा है जो बहका रहा है,
तुम्हारी हूं मैं तो संभाल लो मुझे।
ना जाने फिर कैसे गुजरेगी जिंदगानी,
अगर अपने दिल से कभी तुम निकालो मुझे,
तेरी जिंदगी का हिस्सा नहीं, जिंदगी हूं
आओ जरा, आकर गुजारो मुझे..!-
Waqt to he sabkuch kar dikhane ko,
Thoda hosla to rakh aasman chhune ko,
Har manzil tujhe aasan lagegi,
Jab khud ke upar tera Biswas aaygi,haar ke baad zeet he ye tujhe koun sikhay gi,
Tu sikandar he aapni zindagi ka har mukam ko tu zeet kar dikha ye gi,-
Tjhse hi hr subah ho meri.........tjhse hi ho meri hr shaam........kch aisa rishta bn gya h tjhse........ki meri saanso me bs tera hi hai naam
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मोहब्बत की दास्तां जब मैं लफ्जों में पिरोने लगा
मैं वो नहीं,पर कोई तो था मुझमें जो रोने लगा
रिश्ता ऐसा कि दर्द मुझे पर आंसू उसके गिरते थे
आज देखूं तो मैं कुछ नहीं वो कहीं और खोने लगा
सब जानकर भी कितना कुछ नहीं जान पाए हम
ख़्वाब में किसी और के नाम से जब वो सोने लगा
मैं उसे अपनी गजल अपना मानकर सुनाती रही
किस्मत तो देखो मेरी वो अपने यार में खोने लगा
चाहत है अब कोई गले मिले तो सिर्फ मौत मिले
जब फिज़ा का हर टुकड़ा मुझमें दर्द ही बोने लगा
ए ज़िंदगी कोई मिले तो कहना तू भी किसी की है
सच कहना क्यूं, जब हर कोई मुझसे दूर होने लगा
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रूठने का हक है तुझे वजह बताया कर
खफा होना ग़लत नहीं तू खता बताया कर!
सीधा साधा जुर्म नहीं गुनाह-ए-इश्क़ हुआ है
आजमा मुझे यूं भी कभी तू सजा बताया कर..!-
Hawas k is daur m........mjhe mohbt aisi krni h.........pehli br tujhe haath bhi lgau.........to teri maang bharne k liye❤️
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तेरी तालाश में आज फिर निकल रहा हूँ,
लिखी किस्मत को मैं आज बदल रहा हूँ,
तेरा चेहरा मैं किसी भी लड़की में देख लेता हूँ,
फिर भी मैं बद तरस हवस खुदको सभांल रहा हूँ,
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