At that phase of life where it won't get any better with time.
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आज हर वो शख़्स जो कहा करता था ज़िन्दगी भर साथ निभाएंगे
पहन रखा है ना जाने कौन सा नक़ाब कि पहचान में नहीं आता है
सफ़र-ए-ज़िन्दगी में कुछ कर पाएं या ना हम मगर इतना समझ जाएंगे
दिखती हैं खूबियाँ मरने के बाद, नज़र कुछ ज़िन्दा इंसान में नहीं आता है
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महज़ लहज़े से यूँ हमारी परख करना मुनासिब नहीं
क्योंकि जज़्बातों में हमारी एक नज़ाकत भी मौजूद है-
ज़िन्दग़ी के कुछ अनसुलझे सवालों के जवाब ढूंढते हुए,
न जाने कितनी दूर आ चुके हैं हम इस राह के सफ़र में !
निकलना चाहते हैं अब बाहर कुछ बन्दिशों को तोड़ कर,
सहम सी गई हैं सब ख़्वाहिशें हमारी इस हद-ए-शहर में !
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कोई बड़ी बात नही प्यारे कल वो किसी और की थी
आज तुम्हारी है कल किसी और की हो जायेगी
इश्क़ है सूरत और औदा देख कर बदल जाता है
Instagram |roohaanealfaaz — % &-
She's the book
that's written differently by
everyone
trying to read her,
She's the mixed shade
that's blended differently by
everyone
trying to paint her.
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हकीकत की जब गिरहें टटोली, तो
बस कुछ बूंद ही टपक रही थी
मगर ,इस दिल के बेपरवाही से भरे
बेखबरी आलम का शोर
अपनी गवाही दे रहा था.....
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कितनी खुदगर्ज है ये दुनिया फिर भी क्यों
कुछ सच्चा सा है इस दिल में
इन महफ़िल में शायद शानों- शोहरत ही सब कुछ है
फिर भी ऐ जिस्म तो सिर्फ सुकून चाहता है
यूँ तो यहाँ हर कोई सब कुछ पाना चाहता है
फिर भी ये दिल तो सिर्फ महसूस करना चाहता है-