जमाने के भी अपने अंदाज होते है
पहचाने होकर भी अनजाने होते है
हमने तो समझा था, बातों के भी
आसार होते है
पर पता, यहाँ यादों की भी गुंजाइश
नहीं होती है
क्या खूब होता है यहाँ, डुबने की
चाहत होती है
मगर, बताते है ,कि दरिया के भी
साहिल होते है
हर वक़्त यादों, खयालों, जज्बातों के
सैलाब होते है,
और कहते है, भूलने की आदत हमारी
होती है
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