!!लेखक!!
शब्दो के जोर से एक कहानी बनती हैं
लेखकों की कलम से कभी ना भूलने वाली जुबानी बनती हैं
शब्दो के मोतियों में पिरोते हैं अपने जज्बातो को
कभी गम तो कभी खुशियाँ बताते हैं ज़माने को
इनके सपनो की कोई सीमा नहीं होती
जहाँ आम लोगो की सोच खत्म, वही से इनकी शुरू होती
जमाना इनका मुरीद हो जाता हैं
जब इनके मुँह से ग़ज़ल पढ़ी जाती हैं
महान कवियों से लबालब हैं भारत
उनकी लेखनी का कायल हैं भारत
उन्हें पढ़ दिल प्रफुलित हो जाता हैं
सारे सार जैसे आँखों के सामने आ जाता हैं-
त्याग दिया जिसने अपना अहंकार,
समझो हुआ उसका कल्याण।
बॉर्डर पर बैठा वो,
त्याग कर अपना घर बार,त्याग कर अपनी सुविधा।
श्री राम चले वनवास।।
महर्षि दगीची का वो त्याग,शरीर त्याग कर दिया था जो दान।
धाए मा पन्ना ने दिया,अपने पुत्र का बलिदान।
एक दूजे के लिए हुए त्याग - बलिदान,
ये भारतीय इतिहास है,हा ये अपना इतिहास है।
दीक्षा के नाम दिया अंगूठा,वो एकलव्य था बेहद अनूठा।
एक आवाज़ पर दिया,स्वर्ण कवच व कुंडल।
बलिदानों की कहानी है,ये शूर वीरो की कहानी है।
द्रण संकल्प थे इनके अनोखे,ये भारत के लाल थे अनोखे।
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*Samyukta -1*
From far off land...
Heard about the chivalrous man
Beautifully painted
by the artist Panna Rai....
The great Prithvi Raj Chauhan!
I Samyukta. .The princess
Of the great kingdom of Kanauj
Daughter of king Jai Chandra...
Saw the painting & got desperate
Day and night I thought of him
Heard of his valour...loved him
Send him my msg of love...
But in a ego fight between my father and Prithviraj.
My father placed the statue of the great Prithvi Raj
As a gate keeper at the swamvara gate hall
I was into the hall among all men...
To choose
I went to my love dear
Straight out to the gate
And garlanded his statue
Lo! Appeared he from nowhere...
Excited I was as he carried me away
On his horse out to his land...
The armed soldeirs followed us
As per my fathers order
The ego turned to fight
A fight for my life time and ever
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The love of a woman who sees the mark of nails on the private parts of her body,even though they are old and almost worn out, becomes again fresh and new.
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When I was reading #Ramayan,
I saw a monarch turned into Monk;
And
#Mahabharata showed me an event
Where a Monk became Monarch:)
I dare to say that
Indian History recorded both
Monk and Monarch turning to each
Which no part of the world witnessed;
And I am proud of it as History student:)
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Allegations about pushing the real Indian history under the carpet seem to be true these days. So recontextualizing the history has to be initiated and take it from the hands of the people who intend to create a defeatist mindset by constantly uttering only the defeat not the barbarism in the phase of invasion.
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#Death Anniversary of Utkalmani Gopbandhu Das
#17June
उत्कलमणि (Jewel of Utkal i.e. Orissa)
खिताब से सम्मानित पंडित गोपबंधू, उड़ीसा के महान ज्ञानी,
जिन्होंने देखा एक ओडिया बोलने वाले राज्य का सपना,
उस समय मिलने वाला था ये भाग बंगाल रियासत में,
पर उन्होंने दिलवाया इसे एक प्रथक राज्य का दर्जा,
इनके अख़बार, निबंध और कविताओं ने बहुतों के मन की अंतरता छूई,
इनकी जीवनी "बंदीर आत्मकथा"( Prisoner's Autobiography )
जन सामान्य के बीच खूब लोक चर्चित हुई,
अंग्रेजों के समय ये विधान परिषद का हिस्सा भी रहे,
बाद में ये लाला लाजपत के लोक सेवा मंडल
(Servants of the People Society) के भी उपाध्यक्ष रहे,
और आज भी चालू है इनका खोला "सत्यवादी वन विद्यायल",
इनके छुआ छूत, विधवा विवाह, अधिकार व कर्तव्य,
महिला शिक्षा और गरीब व तिरस्कृत वर्ग के लिए किए संघर्ष ने
इन्हें उड़ीसा (उत्कल प्रदेश) ही नहीं भारत में भी अमर कर दिया,
आधुनिक ओडिशा के शिल्पकार, ऐसे महापुरुष,
समाज सेवक व सुधारक ने जन्म लेकर, इस धरती को धन्य कर दिया...-
#Death Anniversary of Bhagwati Charan Vohra #28May
आज रावी नदी के तीर, बम का परीक्षण करते वक़्त, भारत ने खो दिया एक नगीना,
"भगवती चरण वोहरा" का लक्ष्य सिर्फ यही था कि हो भारत के लिए जीना,
वो दुर्गा भाभी के भी नहीं थे उतने, जितने भारत के थे,
हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में रह, किए देश के लिए कुछ वादे थे,
अंग्रेजों को सबक सिखाने, लाहौर में बम बनाने में लगे थे,
पर भगवान ने इनकी किस्मत में कुछ और ही हो जाने लिखे थे,
बम के प्रयोग के बाद वो घर वापस नहीं लौटे...
नमन है ऐसे देश पर मर मिटने वालों को...-
#Raja Ram Mohan Roy's Birthday #22May
एक राजा, जो राजा थे नहीं,
उन्हें दी गई उपाधि "राजा" की,
राजा अकबर-II के द्वारा,
बंगाल के राधानगर (हुगली के पास) में जन्मे,
छाप छोड़ दी उन्होंने, अंग्रेजों के भी दिमाग में,
"ब्रह्म समाज" की स्थापना,
और उसके माध्यम से "सती" जैसी कुप्रथा का सामना,
"बाल विवाह" रुकवाने में भी इनका बहुत बड़ा हाथ था,
"बंगाल के पुनर्जागरण" के वक़्त पूरा बंगाल इन्हीं के साथ था,
राजनीति हो, धर्म हो, या शिक्षा, सभी में इनका योगदान अतुलनीय माना जाता रहेगा,
भारतीय समाज सुधारकों में इनका नाम अग्रगण्य हमेशा आता रहेगा....-
मुगल आततायी थे!!
मुगल आतंकी थे!!
मुगलों ने भारतीयों पर अत्याचार नही घोर अत्याचार किया!!
तथ्य और सत्य दोनों को झुठलाया नहीं जा सकता ।
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उखाड़ लो जो उखाड़ना हो!!-