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थक से गए थे परवाह के भंवर में,
अब जो लापरवाह हुए हैं, तो सुकून है।-
कुछ इस तरह वह हमसे टकराए, फिर मुस्कुराए
कि हम खुद को संभाल ही न पाए।-
#Attitude level p-2
@DEVILPRINCE2.0
तोता बनना छोड़ तू बाज़ बनकर दिखा..
फ़िर देखना दोस्त आएगा एक नम्बर मज़ा..||
तोता तो बस बोलेगा यही उसकी औकात है
तू उड़ तूफानों को चीरकर ...
आखिर तू है भी तो ऊँचाईयों का राज़ा..||-
मैं कौन हूँ और मेरा यहाँ तात्पर्य क्या है ,
हर जगह अगर भगवान हैं ,
फिर कहीं मंदिर , कहीं गुरुद्वारे
कहीं चर्च तो कहीं ये मस्जिद क्या है?
हर जगह चाँद है, सूरज है ,मिट्टी है ,पानी है ।
फिर ये गांव ,ये शहर क्या है ?
मैं कौन हूँ ,मेरा यहाँ तात्पर्य क्या है ?
ये खूबसूरत सी धरती जहाँ रहते हम इंसान हैं ,
कहते ऊपर है स्वर्ग ,वहाँ रहते भगवान हैं ।
फिर हम इंसानो की नगरी में ये हैवान क्या है ?
मैं कौन हूँ , मेरा यहाँ तात्पर्य क्या है ?
~रूपेश
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