भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, अप्रतिम राष्ट्र भक्त, माँ भारती के अनन्य उपासक, अमर बलिदानी, वीर शिरोमणि श्री चंद्रशेखर आजाद जी को उनकी पावन जयंती पर कोटि-कोटि नमन।
आपका तेजस्विता पूर्ण क्रांतिकारी जीवन, माँ भारती की सेवा के लिए अनन्त काल तक हम सभी को प्रेरित करता रहेगा।-
तेरे दुश्मनों का रक्तनामा लिख दूँ,
जो भी नजर मिलाए नक्शानाबुत कर दूँ,
आज फिर अपने सीने पे इन्कलाब लिख दूँ।।-
People don't remember this man on his birthday guys wake up! today is not just gandhi jayanthi today it's the birthday of great leader and our former second prime minister of india non other than
LAL BAHADUR SHASTRI
An honest man who has served as Prime Minister but does not even own a house
The sage who made plans with the slogan Jai Kisan-
"क्रांति की राह पर बढ़ते हुए क़दमो में मखमली मुलायम जुतिया नही छाले और घाव आजादी की आग भरते है
हमारे पैरों की हर ठोकर से आजादी की हुंकार उठेंगी "
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भारत का उज्ज्वल नसीब बनके
अंग्रेजो को मात दे दी।
अन्याय को अपराध बता कर के
अन्यायी को हार दे दी।
देश के लिए खुद को कुर्बान कर के
खून के बदले आज़ादी दे दी।-
भूल चुके उन वीरों को जिन्होंने आज़ादी दिलवाई थी,
हँसते हँसते देश की ख़ातिर जान जिन्होंने गवाई थी,
आज़ादी के लिए जिन्होंने बड़ी लम्बी लड़ी लड़ाई थी,
न जाने कितने वीरों ने सीने पर गोली खायी थी,
कौन कहता है सिर्फ़ चरखे से आज़ादी आई थी।
संघर्ष उनका याद करो घर बार जिन्होंने छोड़ा था,
जिस्म का क़तरा क़तरा देश के लिए निचोड़ा था,
छोटी उम्र में ही रगों में इंक़लाब का ख़ून दौड़ा था,
भारत माँ के प्रति अपने फ़र्ज़ से मुँह ना मोड़ा था,
सामने जिनके अंग्रेज़ी हुकूमत ने दम अपना तोड़ा था।
मत भूलना भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव,
चंद्रशेखर जैसे क्रांतिकारियों की क़ुर्बानी,
गर ना होते इन जैसे सच्चे निडर सेनानी,
ग़ुलाम अंग्रेज़ों के आज भी होते हिंदुस्तानी।-
ऐसा है की हमे भी पता है की क्या सही है क्या गलत।
पर मजबूरियों से भरे पड़े है।
हम लड़की जो है।
कितने भी आगे बड़ गई है लड़किया पर आज भी समाज के आगे झुकेसे है।
गलत हम नही हमारे हालात है।
क्यू की आज भी किसी के लिए बोझ तो किसिकी जरूरत जो हैं।
हम लड़की जो हैं।।🙍
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जो अकेला भीड़ जाए सैकड़ों की भीड़ से
हुकूमत भी थरथराती है ऐसे वीर रणधीर से
किए गए कष्टों का हिसाब वहीं करते हैं
आजाद जिनका नाम वो आजाद हरदम रहते हैं
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आज़ादी की लड़ाई में..
देकर अपने प्राणों की आहुति..
सींचकर लहू से अपनी..
दिया बलिदान मातृ भूमि के नाम..
समर्पित.... "सूभाष चंद्र बोस"
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