मै याद कर के तुम्हे फिर भुलने का ढौगं कर रहा हुँ...
मझे तुम से इश्क है ये बात कहने से फिर डर रहा हुँ...-
एक अजनबी से बात क्या की
कयामत सी हो गयी हैं,
उनसे ही बात करने की
आदत सी हो गयी हैं….
क्यों ना दोष दूँ दिले नदान को,
दोस्ती का इरादा था और उनसे मोहब्बत सी हो गयी हैं..!-
फिर लौट आया है वो नया इश्क लेकर
अपनी सायरी गजलो को नया बोल देकर
फिर लौट आया है वो नया इश्क लेकर
अपनी मोहब्बत को भर दिया है नए अरमानों के रंग से
वो लौटा है कुछ नए जज्बात लेकर
सपनो के बाजार से वो आया है नए सपने लेकर
नजरे बदल कर वो लौट आया है नया इश्क लेकर
इश्क का रंग अब कच्चा नही वो लौट आया है
कुछ नए वादो को लेकर
खंजर बेवफाई का सिने में छुपाकर वो लौट आया है
एक नया इश्क लेकर
आशा-
हम खुद से भी ज्यादा तुमसे प्यार करते है
आँख बंद करके तुम पर ऐतवार करते है
हम जानते है हमे मिलोगी नही तुम
फिर भी तुम्हारे आने का इंतजार करते है
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"परमात्मा आत्मा को शान्ति दे"।
तुम भी चले गये ज़िन्दगी से मुँह मोड़ कर!!
परिवार और चाहने वालों को ग़म मे छोड़ कर ।।
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I promise to give I decide to
OROP withdraw ration
(One Rank, One Pension) of Defence as it
to Defence Personnel is putting so much
once I come to power... load on Budget...
I decide to open the I decide to file FIR
high security zone, against soldiers and
vulnerable Cantonment to treat them as criminal,
public... how dare you
try to save urself from
patriotic stone pelters...-
Pal jo bhi hai ye bit jayenge
Fir sath milke duniya sajayenge
Tab tak ham u hi muskurayenge-
Pyr uska khush-numaa shikhar tk gya.
Fir hua Kuch u ki wo !
Tut kr bikhar sa gya.......
Dard me wo rokar khudse lipatt sa gya.....
Abb wo 6-ft ka adami 1 chhoti si kursii pr simat sa gya....
Or swaal khudse ye tha ki maine pyr krke galti ki ya gunaah kiya.-
Apna ap ko vula kar , har rista tor kar,
Ham tho chal para,kisi or ka khayal par..
Firsa , ish zindghi na asa khal khala ,
Ham tho lote aya apna hii garh..
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