जन्मदिन🎉
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जिसको आधार बना कर मैंने लिखना सीखा है,कैसे भूल जाऊ नमन करना उनको, ये ही तो मेरे असली नायक,और नेता है।।
{Dr.kumar vishvas sir}-
लोग कहते है ...
तू बोलती नही
तो जनाब
बोलती तो मै हूं
मगर वहां जंहा मेरी बात कोई सुने....-
राजस्थान में भी है बचपन की कहानी है
अल्हड़, अलबेली है थोड़ी-सी मस्तानी हैं
सच्च हैं मग़र जीवन भी संघर्ष की कहानी है
संघर्ष करके जाते हैं संघर्ष हमारी कहानी है
ना घबराये थे ना कभी घबरायेंगे
जब तक जिस्म हैं जिस्म में खून हिन्दुस्तानी है
मेवाङी, शेखावाटी, मारवाड़ी, बागंङ की कहानी है
जब-जब सीमाएं सिर मांगती है तो
वो होता पहला सिर राजस्थानी है
मेवाङ राणा सांगा, राणा प्रताप, माँ
पद्मनी की कहानी है
शेखावाटी के वीरों की कहानी ही बलिदानी हैं
मारवाड़ में कन्हैया लाल सेठिया की कलमकारी है
बागंङ क्षेत्र में भी गोविन्द गुरू की कहानी है
राजस्थान में भी है बचपन की कहानी है...❤-
एहसासों की फेहरिस्त में,
नाम अदब से सबसे ऊपर आपका सजाते है,
आप फासला नापते रहो,
हम हर दूरी तय करते जाते है।।
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मेरे प्रिय कवि डॉ विष्णु सक्सेना की कलम से
डाली से रूठकर के जिस दिन कली गई थी,
बस उस ही दिन से अपनी किस्मत छली गई थी,
अन्तिम मिलन समझकर उसे देखने गया जो,
था प्लेटफॉर्म खाली और गाड़ी चली गई थी।।-
हम भी मिले थे, किसी गाँव की गलियों में
अब नहीं होता मिलना, सुने शहरों की गलियों
सफ़र-ए-जिन्दगी ने, हमें इतना दौङाया हैं कि
हम एक दिन मिलेंगे जरूर, मंजिलों की गलियों में...-
"हर एक नदियाँ के होठों पर समन्दर का तराना है
यहाँ फरहाद के आगे सदा कोई बहाना है,
वही बाते पुरानी थी वही किस्सा पुराना है
तुम्हारे और मेरे बीच में फिर से ज़माना है...!! "
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