बहुत टलती रही है
तारीख़ .. लिखने की कविता
इंतज़ार ख़त्म नहीं होता
तारीख़ों से कलेण्डर बदल जाता है
कविता को किस का इंतज़ार है
ये मुझे नहीं मालूम
लेकिन मैं ये जानती हूँ .. कविता इंतज़ार में है
तारीख़ों के बदलने से पहले से
कविता रोज़ कलेण्डर के हर पन्ने को
दस दस बार पलटती है .. और लौट आती है
शुरुआत के पन्ने पर
साल दर साल .. कलेण्डर बदलते गए
तारीखें भी
कविता लेकिन बदली नहीं
एक एक शब्द संजोया उसने
जस का तस
इंतज़ार में तारीख़ के .. लिखने की कविता
अब कह लो तो कह लो
समय के हिसाब से जो नहीं बदलते
पीछे रह जाते है .. गुमनामी के किसी अंधेरे में
कविता सुनती सब है
लेकिन इंतज़ार में है
लिखने के .. कहे जाने के
और वो मरने से पहले तो
लिखी जाएगी कही जाएगी
ये वो जानती है-
8 APR 2021 AT 23:05
5 JAN 2021 AT 12:15
Dear Boys
Always date a short girl
Museebat jitni chhoti hogi
Apke liye utni achhi hogi
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12 JUN 2019 AT 16:44
छोटी ही सही पर...
ऐसी मुलाकात हो...
हम हो, तुम हो...
और हल्की बरसात हो...-
13 JUL 2021 AT 18:19
Today's date dedicated for those lovers which r not together but they are always with each-other in massages/calling/Twitter/fb/insta/snapchat/Whatsapp, yq also.🤘🏻
13/07/2021-