इंसानों के भेष में पल रहा है शैतान,
जब मर गई इंसानियत, फिर क्यूँ जिंदा है इंसान??
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एक समय था जब मुझे माता की तरह पूजा जाता था
और आज मुझे कहीं जिंदा दफनाया जा रहा है...
तो कहीं नुकेली जैसे अस्त्र से प्रहार किया जा रहा है ..
सड़को पर खुला घूमने का शौक नहीं मजबूर हूं।
जहां हमारी हर रोज दर्दनाक मौते होती है ।
वो नुकीले तार मेरे जिस्म मैं घुसना और
मेरा दर्द से चीखना तुम इंसानों को दिखता कहा है....
मेरी इसी हालत का जिम्मेदार इंसान तू ही है.....
जो इन्सान के भेष अब मुझे दानव नजर आता है ।
मुझे जीने दो मुझ पर अत्याचार बंद करो
मुझे भी हक है । 😥🥺-
न दिन में सुकून न रात मे चैन
है ,इस कदर मासूमियत का
खिलवाड़ कब तक देखोगे...??
इंसान ताे बन न सके दरिंदे
तो मत बनो ।-
And whenever I looked at you,
I used to see an animal, from different species,
If existence was the only crime,
Yeah you were a criminal, everytime...
Your unspoken scars, hadn't declared a war,
Like thousands of doctrines, named as 'human'..
If 'lover' is what I called myself,
Had I felt pain, killing an insect?
I have made you, to be coloured in red hue,
Yet I'm the one, scared of you..
An elephant's death, broken tears,
My heart is though blind, to a chicken's fear...
Nature's ripples, forest's glare,
Keat's nightingale still sings there,
I've claimed myself as a child of the sky,
But my hands didn't shiver, while holding a knife...
Life is the only thing worth living for,
I'm sorry, my race failed to hear your words,
But from now on, when I'll gaze at your eyes,
I'll only see a soul, living its life...-
!!पिंजरा!!
हमें खुद की आजादी कितनी भाती हैं
मगर पक्षियों को कैद कर तनिक शर्म भी ना आती हैं
थोड़े दिन घर मे रहना दुश्वार हो जाता हैं
और उनको छोटे से पिंजरे में
पूरी जिंदगी बिताना पड़ता हैं
खुला आस्मा आँखों के सामने होता
मगर पंख फैला नहीं सकते
अपने साथियों को उड़ता देखते
लेकिन खुद उड़ान भर नहीं सकते
सुबह शाम खिलाने से उनका पेट तो भर जाता
लेकिन उस तड़प का क्या जो उन्हें कैद होकर मिलता
वो पक्षी भी क्या ही सोचते होंगे
शायद भगवान ने इंसान के बेश में दरिंदे बनाये होंगे
जो उन्हें कैद कर खुश हो जाते हैं
और उसनी बेबसी पर ठहाके मार हँसते हैं ||-
वह घर में सबसे छोटा था
लेकिन पारिवारिक अन्याय के बारे में उसकी समझ बहुत क्रूर थी।
इतनी क्रूर कि हर कोई उसके खिलाफ हो गया।
इसके बाद भी
कोई लगाओ, कोई कमजोरी नही,
वह सुबह उठता है पक्षी कि तरह आनंदित होकर,
वह गिरेगा एक पत्ते कि तरह बिना पछतावे के।....
..-
If sex is all that matters to you,
Then i'll be the hustler...-
तुम थक गए समझाते-समझाते
अब ठहर जाओ
नहीं तो बीमारी और क्रूरता जन्म लेगी
इसलिए कि वह कभी नहीं बदलेंगे
उल्टा यह उनकी आजादी बन जाएगी।....
..-
उन दरिंदों की आंखों पर तेज़ाब लगवाओगे
या उस बेगुनाह पर सवाल उठाओगे।
उनको उनकी हदों का सबक सिखाओगे
या लड़कियों की आज़ादी पर रोक लगवाओगे।
इस गुनाह की उन्हें सज़ा दिलवाओगे
या अपनी बेटियों के दिल में देहशत बढ़वाओगे।
सख्त कानून के लिए शायद अब तो सवाल उठाओगे
या अब भी हमेशा की तरह खामोश हो जाओगे।-