Zenab Khan  
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I am the book which was read by many but won't understood by any
Joined 11 June 2019


I am the book which was read by many but won't understood by any
Joined 11 June 2019
3 OCT 2022 AT 21:00

जो खुद बेमिसाल हो उसको क्या मिसाल दूँ,
वो माँगे जो दे दूँ खुशी से उसे , पर
जो खुद नायाब हो उसे क्या नायाब दूँ।
ला भी दूँ तारे उसके वास्ते तो क्या कमाल
जो खुद चाँद हो उसे क्या सितारे दूँ।
मेरा हर हक़ उसके नाम करूँ भी मैं, पर
जो खुद आसमां हो उसे क्या ज़मीन दूँ।
देने को लफ्ज़ उसको ढूँढूँ किसी किताबों में,
जो खूबसूरत एहसास हो उसे क्या अल्फाज़ दूँ।
खुदा का दिया सबसे ख़ास तोहफा है वो मेरा,
जो खुद इनाम हो उसे मैं तोहफा क्या दूँ,
तू ही बता मैं तुझे ऐसा खास क्या दूँ।

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3 OCT 2022 AT 20:52

हर रौनक तुम्हे मिले हर रहमत अता हो,
जहाँ तुम्हे तुम मिलो वो बुलंदी अता हो,
जो मेहनत की उसकी हर कीमत अता हो,
सबसे खास हो जो दुनिया की वो नेमत अता हो।

राज़ी रहे रब तुमसे , वो रहमत अता करे,
सुकूँ मिले हर सफर ऐसी दौलत अता करे,
सबका नफा हो कामयाबी से तुम्हारी ऐसी शोहरत अता करे,
खुशनसीबी भी मिले बेशुमार इज़्ज़त अता करे।

पाकीज़गी रहे हमेशा और बेहतरीन किरदार रहे,
निगाह में हमेशा ऐसी हया रहे,
हर शर- ए- शयातीन से तुम मेहफूज़ रहो,
हर बदनज़री से तुम्हारी हिफाज़त रहे।

खुशियाँ बेपनाह और लम्बी तुम्हे उमर मिले,
तुम जैसी ही तुम्हे औलादे मिले,
पुरसुकूँ रहो हमेशा खुशहाली मिले,
दोनों जहाँ की तुम्हें कामयाबी मिले।

तुम जिसे चाहो वो तुम्हे पा के खुशनशीब हो,
तुमसे ज़्यादा तुम्हें चाहे ऐसी चाहत नसीब हो,
तुम्हारी ख्वाहिश पर खरी उतरे ऐसी ख्वाहिश नसीब हो,
शिफा मिले तुम्हारी रूह को ऐसी मोहब्बत नसीब हो।

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30 MAY 2022 AT 11:06

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11 DEC 2021 AT 20:43

When you feel happiness in little things, it means you are on the way you desire for.

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24 NOV 2021 AT 21:13

जब जाओ तुम होकर तैयार,
मैं लगाऊं इत्र तुम्हारे यार,

हो अगर तुम्हे ड्यूटी जाने में देरी,
जल्द लगाऊं बटन रहे कोशिश मेरी,

जब जाओ तो सोचूं कहाँ तक पहुँचे,
जहां-जहां पहुंचे, बताओ दिल पूछे,

आओ तो तुम्हे प्यार किया करूं,
अपने गले से लगा लिया करूँ,

जो तुम्हे पसन्द हो वो बनाऊँ,
खाना अपने हाथ से खिलाऊं,

ना जाने कब आयेगा वो वक़्त मेरी जान,
पूरे होंगे जब मेरे दिल के सारे अरमान।।

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22 NOV 2021 AT 12:35

बदल रहा मुआशरा खुली सोच का नाम देकर,
बेहया हो गए हम चलन का नाम देकर,

रफ्ता रफ्ता बदला है वक़्त बराबरी कह कर,
औरत को मर्द और मर्द को औरत कह कर,

भेजते हो तुम उन्हें अधूरी तालीम देकर,
दुपट्टा रखा एक तरफ खुद को आज़ाद कह कर,

बेटियों को खुला छोड़, बहु मांगते हैं नेक,
बेटी बेहया हुई बहु चाहिए परदानशीं एक,

जवानी भी ढलेगी एक दिन बुढ़ापा देकर,
कब्र में होगा सवाल जिन्दगी के आमाल लेकर।

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14 NOV 2021 AT 12:29

काश के मेरा दिल भी उस जैसा कुशादा हो जाए
वो वक़्त ना दे तो भी गुज़ारा हो जाए।

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12 SEP 2021 AT 12:31

दुआ है मेरी हर खुशी तुझे मिले
तेरी मेहनत का सिला तुझे आसमान सा मिले।

कामयाबी मुकद्दर हो तेरे हर कदम
तेरी राहों में भी तुझे सुकून मिले।

गुरूर और शिकायतों से तू दूर रहे
शुक्र ओ सब्र का ख़ूबसूरत तुझे अजर मिले

हर बदनज़री से तू महफूज़ रहे
तुझे देख के खुश हो ऐसा हमनज़र मिले।

नसीब तो खूबसूरत होगा जिसे "♥️" मिले
उसकी मोहब्बत से तू उसे पुरसुकून मिले।

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12 SEP 2021 AT 12:13

एक दूसरे से करे वो शिकायते बेहिसाब
जानते है मगर बेहतर है वक़्त का इंतज़ार।

होकर साथ वो इन दूरियों से है परेशान
कैसी है ये रस्में है इससे भी हैरान।

मोहब्बत तो बोल दी आज शिकायतें भी घोल दूं
ज़िद्दी होकर मैं कहीं रिवायतें ना तोड़ दूं।

करार आए कैसे समझाऊं इस दिल को
इंतेहा हुई तन्हाई की उसकी भी कैसे मगर ऐसे खुद को तोड़ दूं।

गम नहीं है ये जो बांटने से कम हो जाए
मोब्बत है जो उसके आते ही इंतेहा से बेइंतेहा हो जाए।

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12 SEP 2021 AT 12:03

Part 2
ज़माने की दुश्वारियां भले हंस के सह जाए
मगर उसके बिना तसव्वुर भी ज़िन्दगी जहन्नुम सी लगे
सख्ती उसके लिए दिल को गवारा ना करे
रोए तो आंखें भी चाहे उसके सीने से जा लगे
पत्थर को भी पिघला के प्यार करा दे वो है मोहब्बत।

हजारों फिक्र -ओ - गम के बावजूद ख्याल में वो आए
हर खुशी और गम में याद आए
नहीं मिले वक़्त फिर भी उसके लिए निकल जाए
और आए तक हर किस्म की थकन उतर जाए
करते करते बातें पूरा दिन गुज़र जाए
ऐसी ही कुछ उलझी सी पहेली का नाम है मोहब्बत।

बेअसर हो बातें भले ज़माने की
मगर बेरुखी भी उसकी दिल को मायूसी सी लगे
उसी को मान के अना भी खुद की
मनाना भी उसको प्यारा लगे
उसी ऐतबार का रूह में प्यार का नाम है मोहब्ब्त।

खो के तुझमें खुद को पा लूं
आंखे फिर तेरी आइना और तू अक्स सा लगे
नहीं मालूम कितने हकदार है हम इस चाहत के
मगर देके प्यार तुझे खुद को भी सुकून मिले
हो गर नाम आशिकी तो बस वही है मुझे
और कई एहसास जिसे बयां ना के सकूं
ऐसी भी मदहोशी फकत तेरे लिए है मुझमें मोहब्बत।

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