एक सफर तेरे साथ हो
मेरे हाथो में तेरा हाथ हो
वह गोवा या मनाली नहीं
केदारनाथ का राह हो😍😊-
पंडिताईन...❤️
अपने इश्क़ को ढूढते रहे हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक
लेकिन जिदंगी हमारी लिन थी गंगा जी की संध्या आरती में-
BIHAR SE DUR..💔
(K.Råni Bhågåt🖤👸)
इहाँ तो मिलता पिज़्ज़ा बर्गर स्नैक्स कोका
हमरी याद में बस लिट्टी चोखा है
तूम ठहरे दीवाने ब्रांडेड के
हम तो पीते महुवा है
तुमरे इहाँ चलता रॉयल चैलेंज
और चखनवा है😂
हम तो खाते दूध आम और चुड़वा है
कमाने के लिए भले ही दिल्ली पंबाज जाते है
पर मजबूरी होते हुए कभी हाथ नहीं फैलाते है
अब तक हो करते बदनामियाँ हमारी
तुम हमको जज करने वाले सेठ हो का
तुम चाह कर भी हर साल इतने IAS दे पोगे
क्या कहा .....?? हाँ
अब्बे पगलेट हो का......🤣😏🤣
तुम बोलते हो शब्द बिहार जैसे वो कोई गाली हो
समझते हो बिहारी वही है जिसकी जेब खाली हो
अईसे सादा जिंदगी जीने में कोनो दिक्कत नही बुझाता है
बस कभी लग जाए दिल पर बात अमीरों की🤬
तब दर्द सहा नही जाता है..
मेहनत कर मंज़िल पाकर चलते फिर ऐसे जैसे कोई मिसाइल है💥💣💥
पूछा मैनें कर सकता हर कोई ऐसा...???
बोलते हाँ...😂
अब्बे छोड़ न वो सेठियाइल है.....😏🤣
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सावन में सजनवा मूहँ फूला के बैठे है
सखी कोमल करेजवा को सता के बैठे है
माने न कहनवा बड़े कठोर बलम है जी
बरसात में भी हमको जला के बैठे है
शाम होने को है न आया अंगनवा में चांद
बहुत देर से हम खुद को सजा के बैठे है
जरा देखिए न जाके फलनवा के अंगना
कही किसी सौतन को गले लगा के बैठे है-
प्रिय पंडिताईन...
नैनो को अब न चैन प्रिये
दिन रैन तुम्हे ही तकते है
आती हो समक्ष जब बलखाते
दिल धक् धक् मेरे करते हैं
क्यों भाग रही है,इतना तेज प्रिये
अरे रुकिए,हम जरा धिरे चलते हैं
कभी तो मिलिए आकर मुझे
हम यही गंगा घाट पे रहते हैं-
घरे के ख़ुशियाँ तमाम बनिके
सावन के बौछार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरो प्रार्थना स्वीकार करिके..
सभ्भे सारा रिश्ता में प्यार बनिके
माई के दुलार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरा पे उपकार करिके..
रंग अहां हजार बनिके
सुंदर सुंदर रंगोली के पुरस्कार बनिके
छठी मैय्या अईहे घरे हमरा
हमरो सपना साकार करिके..-
महावीर की तपस्या है बिहार
बुद्ध की ज्ञान है बिहार
पाणिनी का व्याकरण है बिहार
वाल्मीकि का रामायण है बिहार..
दिनकर की कविता है बिहार
रेणु का सार है बिहार
बिस्मिल्लाह की शहनाई है बिहार
गंगा की चित्रकारी है बिहार..
समुद्र मंथन की मन्धार पर्वत है बिहार
गुरु गोविंद सिंह की धरती है बिहार
शेर शाह की हिम्मत है बिहार
मिथिला की संस्कृति है बिहार..-
कहाँ खोये रहते हो बेचैनियों में
चलो ना दिखाते हैं, धारा नदी का
जरा आके बैठो ना, गंगा किनारे
आओ सुनाते हैं, गाना रफी का
बस आज होगा मोहब्बत, मोहब्बत
वो कुल्हड़ की चाय,वो बातें हसी का
तुम्हारी ये नजरें, गजब कर रही हैं
बढाओ ना झुमके से,धड़कन किसी का
बहुत नखरे वाली तुम, हमदम हसी हो
हाय..दिल हो रहा है, दिवाना सभी का-