हुस्न की तारीफ नही चाहिए मुझको........ ❤,
मुझे इस से ज़ायेद अपनी सादगी पर नाज़ है...!
حسن کی تعريف نہیں چاہے مجھ کو....... ❤,
مجھ اس سے زائد اپنی سادگی پر ناز ہے.......!-
तू रह नावर्द-ए-शौक है मंजिल ना कर कुबूल,
लैला भी हमनशीं हो तो महमिल न कर कबूल।-
Aap mere the,
mere ho,
Mere rahoge,
Dukh sirf is baat ka hai murshad ki,
Ye jumla aap kis kis se kahoge.-
यूँ तो तेरे दिली नशेमन में बेशुमार गुल-ओ-लाला-ओ-बहार होंगे,
जब हो ही न महफिल में *नसीम* तो फिर कैसे बू-ए-चमन बहाल होंगे।-
रचना वर्ष - 1904
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
रचना वर्ष - 1908
चीन-ओ-अरब हमारा हिन्दोस्ताँ हमारा
मुस्लिम हैं हम वतन है सारा जहाँ हमारा-
मुश्किलों को आसान कर
सही वक्त पर हर काम कर
देखकर उसकी अमीरी परेशान ना हो
तू गरीबी में अपना नाम कर!!-
Wo jo geet tumne suna nahi , mere umr bhar ka reyas tha meri dard ki thi dastan jisse hasi tum uda gaye ..
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____Dil Se Jo Baat Niklti Hai
Asar Rakhti Hai....
____Par Nahi Taqat
Parwaaz Magar Rakhti Hai....-
Aaj gumnaam hoon to faasla rakh mujhse,
Kal Mashoor ho jaon to koi rishta nikaal lena..!!-