सज गया दिन रात यहाँ हर राज बयां हो जाता है
चमक रही सबकी आँखें अब फिर से उजाला छाया है-
तेरी तारीफ़ में और क्या लिखूँ मैं
ख़ुदा की सबसे अफ़ज़ल तख़्लीक़ है..!-
ज़िन्दगी मज़दूर हुई जा रही साहेब
लोग हैं कि ताने मार रहे मैडम मैडम बोल कर.!-
बन जाए तू मेरी गंगा और कर दूँ मैं अपनी मोहब्बत आबाद
कभी ना तेरा साथ छोड़ने वाला बन जाऊं मैं इलाहाबाद।-
रोका मत कर ऐ गालिब
मुझे हवाओं में मिल जाने दे
खुश रहूं मैं सदा खुद में
मुझे ऐसे तो अब खो जाने दे-
दिल तो ले ही लिया है मेरा
अब मेरी ज़ुबान लोगे क्या,
मैं प्यार नहीं करती तुमसे
ये सब ख़ुद से मान लोगे क्या,
और तुमसे दूर हूँ तो यक़ीन
मानो जी मैं भी नहीं पा रही हूँ,
जब से मिले हो रुला ही रहे हो,
बोलो अब जान लोगे क्या..!-
सजा प्यार की मुझे क्या दोगे तुम,या तो दफ़न या तो जला दोगे तुम हंसी मेरे नाम की खामोशी मेरे नाम की
ज़रा बताओ क्या-क्या मिटा दोगे तुम कहने पर आपने
न सुना, खामोशियों को मैं सुनी थी जब वो मुझे नहीं
जानता था उसे अपना मैं चुनी थी,धड़कन मेरी नाम की, ज़िन्दगी की उपवन मेरे नाम की ज़रा बताओ क्या-क्या दिला दोगे तुम..-
कोई निभा न सके दिल के इन वफाओं को
करूं मैं याद तुझे, भूल हर जफाओं को,
सुनू जब तेरा भजन दिल को आराम आए
मैं जपूं शिव भजन शिवा ही नाम आए..!-
तू ही मेरा रब चन्ना तू ही मेरा मक्का वे,
सामने बिठा के सारी उमर मैं तक्का वे.!
बस तेनु वेखि जवां न मैं नजरा हटावां
भूखीं हा दीदार दि मैं फ़कीरन तेरे प्यार दि..!-