आसमान, नदी, झरने, सभी एकदम
शांत हैं ,झिंगुरों की आवाज, और
चोकीदार की सीटी,खनकते हुए पेड़ों
के पत्तों की आवाजें आती हैऔर इसी
उधेड़बुन में भोर का उजाला उठने को
कहता है हम सुबह का स्वागत करने
को तत्पर हो जाते है.-
कैसे सोने जाने दूं मोहतरमा,
तुम्हारी रातों पर मुझे हक चाहिए।-
453
The Door Near By
Tempts U To Be Like It
But Once Checked-in
The Satisfaction Would End Up On Ur
Own Door-
Kya itna bura hu mai ?
Ki har burai ka illzam mujh pe hi aaya.-
चलो याद तो आया,
मैं नहीं तो क्या? मिरा,
ख़्वाब तो आया!
-ए क़ल्ब-कातिब 🌹-
The older I get,
the more I realize
I just need the simple things in life:
A comfy home, good food
and surrounded by only
YOU my love...-
ग़ुरबत अपनी जगह ठीक है मग़र अफ़सर बनने के बाद भी 'क़ातिब' माँ के गिरवी रखे जेवर न छुड़ा सकूँ लानत है
#हमसे_देखा_नही_जाता
#Psycho_Writer ✍
#Мя_NiЯwAnDaЯ★★★
🍁-
कभी साथ बैठो तो?
कहूं की क्या हालत है मेरी,,
अब आप दूर से पूछोगे
तो सब बढ़िया ही कहूंगा,,,-