Uma Sharma 25 NOV 2019 AT 14:39 कस्तूरी कुंडली बसे, मृग ढ़ूंढ़त बन माहि.।ज्यों घट-घट में राम है,दुनिया देखत नाहि.।।हम अपने ईश्वर को ढ़ूंढने निकले,जो सबके मन में हैं बसते, - PURUSHOTTAM CHOUDHURY 18 SEP 2021 AT 18:00 कभी-कभी फासले,दिल के भी तय नहीं हो पाते।।हर फैसले जिन्दगी के ,दिल से भी कब लिए जाते हैं।। - Usha Dua 25 NOV 2019 AT 16:51 हर किसी के अन्दर विधमान हैं एक अवतार.पहले उसे महसूस करो फिर दृढ़ता से करो उसे स्वीकार.. उषा दुआ -