QUOTES ON #2044

#2044 quotes

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25 NOV 2019 AT 14:39

कस्तूरी कुंडली बसे, मृग ढ़ूंढ़त बन माहि.।
ज्यों घट-घट में राम है,दुनिया देखत नाहि.।।

हम अपने ईश्वर को ढ़ूंढने निकले,
जो सबके मन में हैं बसते,

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18 SEP 2021 AT 18:00

कभी-कभी फासले,
दिल के भी तय नहीं हो पाते।।

हर फैसले जिन्दगी के ,
दिल से भी कब लिए जाते हैं।।


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25 NOV 2019 AT 16:51

हर किसी के अन्दर विधमान हैं एक अवतार.
पहले उसे महसूस करो फिर दृढ़ता से करो उसे स्वीकार.. उषा दुआ

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