लाल रंग....
फूलों में रहे तो प्रेम सा,
सूर्य में रहे यह तेज सा,
बहे लहू में जीवन सा,
नयनों में है क्रोध सा,
भाल पर है सुहाग सा,
धरा पर है कुर्बानी सा,
यह लहु अलग-अलग सा,
है सब दर्शाता भाव सा..
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14 SEP 2019 AT 13:57
4 AUG 2021 AT 10:08
चाहत उम्र की बंदिशों में कैद नहीं होती,
चाहत के लिए कोई उम्र नहीं होती,
चाहत उम्र देखकर भी नहीं होती,
जिंदगी के किसी भी मोड़ पर हो जाती है,
चाहत मिल जाए जरूरी भी नहीं,
मगर चाहत तमाम उम्र याद रहती है।।
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26 SEP 2024 AT 11:04
I wrote
with tenderness,
notes of passion
on your skin,
you trembled a little,
sighed and
symphony of
your moans in my ear
disturbed the equilibrium
of my feelings and
evoked the fire of
carnal desires.-