एक शब्द से इंसान की जिंदगी,
का फैसला सुना दिया जाता है,
दिल में किसी के लिए असीमित
भावनाएं हो उसे एक शब्द के
कारण भूला दिया जाता है।-
कभी शब्दों से ना करना किसी के वजूद की पहचान
हर कोई उतना कह नहीं पाता जितना समझ लेता है !!
🙂🙂-
मैं
ठहरा
शब्दों का व्यापारी,
तुम
पढ़ी लिखी
एक बड़े शहर की कुंवारी।-
शब्दों के साथ खेलने में बहुत मजा है,
बस शब्दों को ठीक से सजाना सीख लो|
जेहन में पल रही सारी बातें जाहिर हो जाएंगी,
बस शब्दों में ठीक से उतारना सीख लो |
समझ जाएंगे समझने वाले कि तेरी रजा क्या है?
शब्दों को शब्दों से मिलाना सीख लो |
शब्दों की दुनिया में अलग ही मजा है,
बस शब्दों की दुनिया में घूमना सीख लो|
बड़ी-बड़ी समस्याएं पल में हल हो जाएंगी,
बस शब्दों को शब्दों से लड़ाना सीख लो|-
एक धुंधलका जीवन सा,
और एक कहानी शब्दों सी,
आकाश स्वप्न शिलाओं सा
स्नेह अंकुरित प्रारब्धों सी,
अविरल होना अब निश्चित है
चंचल मेरी कविताओं का,
तुम पूर्ण विराम प्रत्याशा से
मैं अल्प विराम संबंधों सी !-
छोटे-बड़े सभी तरह के शब्दों से
रोज गुल्लक भरती रहती हूॅं,
हाॅं, कुछ विशिष्ट भारी-भरकम
हजार,पाॅंच सौ के नोटों की तरह
शब्द भी यदा-कदा डाल देती हूॅं।
लोगों की भावनाओं को पढ़कर
हर रोज कुछ ना कुछ
कमा ही लेती हूॅं,
कभी-कभी रोजमर्रा के
खर्च हुए शब्दों में से कुछ
शब्दों को संजो लेती हूॅं,
और भविष्य के लिए
गुल्लक में जमा कर देती हूॅं।
शेष कैप्शन में पढ़ें 🙏🙏
....... निशि..🍁🍁
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तुम महफिल इकट्ठी करो
बेनाम को बुलाने के लिए
मैं नंगे पैरों चला आऊँगा
शब्दों से आग लगाने के लिए-
कुछ तो वास्ता रहा होगा मेरे शब्दों से
यूँ ही नहीं लोग बेनाम के इंतजार में रहते
अच्छे कर्मों के पीछे स्वागत भी होते हैं
यूँ ही नहीं टहनियों से उतरे फूल बाजार में रहते-
शब्दों से खेलना बेहतर है,किसी के दिल से ना खेलना,
शब्दों की मार से बच भी जाएँ इंसा,दिल की चोट कलेज़ा चीर देती है।-
शब्दों को लिख़ते लिख़ते
न जाने क्यों मेरी क़लम रुक जाती है !!
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