भोर होती है जग से न्यारी, मेरी माता रानी बसती जहाँ,,
बहती गंगा चरणों मे जिनके, ज्योत जलती सदा नूरानी वहां❤️❤️
पावन निर्मल वातावरण होता है, मेघ बनते बिगड़ते जहाँ,,
बहती पुरवाई शीतल शीतल, मैया की पावन गुफा है वहाँ❤️❤️
🙏जय माता रानी की🙏-
वैष्णो देवी के दरबार की
चढ़ाई वाले रास्तों ने मुझे जिंदगी के
उस फलसफे से बेहद आसानी से
रूबरू करवा दिया के,
आपकी कामयाबी की राह में
चाहे कितनी ही मुश्किलें हो,
आएं चाहे कितने ही ढलान वाले रास्ते,
या हो चाहे कितने ही घुमावदार मोड़,
लेकिन निरन्तर चलते रहने वाले
ऊंचाई पर स्थित मंजिल तक
यक़ीनन पहुंचा करते है...।।-
माँ वैष्णो ,माँ सरस्वती ,माँ महाकाली तीनो स्वरूप है मेरे ।
पहला रूप है मेरा, "माँ " वैष्णो
"मैं" कन्या बन घर- घर पूजी जाती हूँ ।
दूसरा रूप है मेरा, "माँ" सरस्वती
"मैं" ज्ञान बन सब मे बहती हूँ ।
तीसरा रूप है मेरा,"माँ" महाकाली
"मैं" ही आकर तुम्हे दुष्टों से बचाती हूँ।
और हाँ !
"मैं" ही गंगा, यमुना और सरस्वती कहलाती हूँ ।
"मैं" गंगा, "वैष्णो" कहलाती हूँ
तभी "मैं" शिव की जटा में रहती हूँ।
"मैं" यमुना "काली" कहलाती हूँ
"मैं "श्री हरि चरणों मे बहती हूँ
"मैं "ह्रदय में महीन धार "सरस्वती" कहलाती हूँ
"मैं"ब्रह्मा जी के वेदों में पाती हूँ ।-
ऐ काश!..पहाड़ो के उस छोर पे मेरा डेरा लग जाए,
दरबार का तेरे माता रानी नित फेरा मेरा लग जाए💖
सुबह दोपहर शाम तेरी आरती उतारता रहू मैं फिर,
घर की खिड़की से सुंदर गुफा माँ मुझे तेरी दिख जाए💖
भक्ति में डूबा रहूँ तेरी एक रोज तेरा माँ दीदार हो जाए,
श्रीधर, ध्यानु के जैसा ही मेरा नाम भी अमर हो जाए💖
🙏जय माता रानी की🙏-
सुना है पहाड़ों वाली मां,
दर पे पास अपने,
तू सबको बुलाती है,
मुझे भी इक बारी बुला लो,
दर्श अपना दिखा दो,
मुझे हर पल मां तेरी,
अब याद सताती है।
तरस रहा हूं मैं, मां,
पावन दर पर तेरे मां,
मैं शीश झुकाने को,
अपने तन मन से,
मां तुझे मनाने को,
अज्ञानी बड़ा हूं मैं मां,
जो तुझे भूल जाता हूं,
माफ कर दो मुझे मां,
आने की अर्जी मां,
तेरे दर पे लगाता हूं।
पहाड़ों पर सजी है,
निराली दुनिया तुम्हारी,
शरण में आया है मां,
इक दुखियारा तुम्हारी,
इक जिंदगी गुजर गई,
बिना आंचल के मां तेरे,
मुझे चरणों में बसा ले मां,
छुपा लो मां दामन में तेरे।
जग से मैं हारा हूं मां,
भटका हुआ किनारा हूं मां,
पार मुझे तू लगा दे मां,
मुझे तेरा ही सहारा है मां,
सुना है पहाड़ों वाली मां,
दर पे पास अपने मां,
तू सबको बुलाती है,
मुझे भी बुला लो मां,
मुझे अब तेरी याद सताती है।-