माँ कहती थी
जब चिड़िया
धूल में नहाती है
तब पानी आता है।
माँ कहती थी
जब धूप में
बारिश होती है
तो चिड़ियों का ब्याह होता है।
माँ अक्सर कहती थी
रात को पेड़ सो जाते है,
फूल पत्तियाँ नही तोड़नी।
माँ ने न जाने कौन से
पाठ पढ़े प्रकृति के?
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जब इशक की रवानी लिखी जाएगी।✍️
तेरी मेरी कहानी लिखी जाएगी।📖
दो किनारे मिले एक दरिया में थे....🏞️
अपनी ये ही निशानी लिखी जाएगी।।🍁-
बदल दू ख़ुद को, तो मेरा वजूद क्या,
कभी इसी शक्सियत से मोहब्ब्त हुईं थीं तुम्हें।
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छिटका हुआ नीलांबर मे
"सप्तरंगो" में विलीन इंद्रधनुष.....!
तुम्हारे साथ कि कुछ अनुभूतियों को
प्रकट करता है।
वस्तुतः यही हमारे प्रेम को
पूर्ण रूप से सारगर्भित करता है।
चांद की शिथिलता ही
उसके शीतल होने को प्रदर्शित करती है।
सार्थक हो जाता है!मेरा श्रृंगार करना ,
जब तुम अपने अडिग नेत्रों से
निहार कर मेरी श्लाघा करते हो?
आगमन तुम्हारा,मेरे जीवन की
सूनी परिपाटी पर
"कैक्टस" को "कल्पवृक्ष"
के साम्य बना देता है।-
यूँ तो हर दिन पूजना आपको मेरा काम है
लेकिन सावन का पवित्र महिना महादेव आपके नाम है...☘️🍀🙏🙏-
दे सलामी इस तिरंगे
को जिस से तेरी शान हैं,
सर हमेशा ऊँचा रखना
इसका जब तक दिल में
जान हैं..!!-
इजाजत न थी जिसे पराये
नर से दो टूक बात करने की
उसे आज दहेज में बिस्तर मिला है..-