QUOTES ON #मोहिनी

#मोहिनी quotes

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12 APR 2021 AT 8:24

जब तुलसीदास केरल घूमने गए और वहाँ के साम्यवादी (कम्युनिस्ट) मुख्यमंत्री नम्बूदरीपद से मिले

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12 AUG 2018 AT 18:44

कविता 'अमृत कलश' है
और यह समाज 'असुर'
मैं ? अजी मैं तो 'मोहिनी' हूँ
मेरी कविता चखने के लिए तुम्हें 'देवता' बनना होगा...

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5 JUN 2019 AT 20:24

मैं उसकी मोहिनी, वो मेरा मिलन,
हम हैं *अजनबी* और है, ये बिछड़न..!
मैं बनु चाँद तेरी, तू मेरा आसमाँ बन,
सिर्फ मैं तेरी सजनि और तू मेरा सजन...!!

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28 DEC 2019 AT 19:23

एक टक ठहर जाती हैं, मेरी आखें....
मौन हो जाता है, मन'
कांपती है मेरी रूह, मन में मचती है तड़पन...
चीखती हैं मेरी बातें, कैद रह गया मेरा दर्पण,
सिल लेती है जज़्बात, मोहिनी
देख मांँ के दो भीगे नयन....

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16 JUL 2019 AT 16:22

भरी महफ़िल में भी इजहार करने से इनकार नहीं करती..
पर हकीकत है कि ये -मोहिनी किसी से प्यार नहीं करती....!

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22 JUN 2021 AT 16:00

हाँ,मैंने अक्सर टूटें हुए लोगों को हि
दूसरों को जोड़ते हुए देखा है,
एक दूसरों को परखकर छोड़ जाते देख,
उन्हें बिखरने से बचाते हुए देखा है
पैसा और प्यार में मोल-तोल
भोले-भाले चेहरों के पीछे
कई चालाकों को समझदार होते देखा है
कभी कोई कसमसाहट जान,
जैसे रो रही हो आँखें,
पर होठों से बहुत मुस्कुराते हुए देखा है
सपने सजाये और बिखर गए फ़िर भी
जागे-जागे मैंने मुझे सोते हुए देखा है।।
हाँ,मैंने अक्सर टूटें हुए लोगों को हि
दूसरों को जोड़ते हुए देखा है।।

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27 JAN 2020 AT 20:46

प्रथम मिलन की उत बेला
जब तुमने किया मुझे स्पर्श
रोम-रोम पुलकित हो आया
अंग अंग छाया उत्कर्ष
पोर-पोर कल्पित भावों से
उठा नव भाव हर्ष सहर्ष
भ्रमित भंगिमा क्षण व्याकुलता
यौवन था वह षोडश वर्ष
संग रंग ज्वाल सघन अगन
तुम रात्रिकालीन देते थे दर्श
शब्दों के माध्यम से हाय!
तुम्हारा वो विचार विमर्श..

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22 APR 2021 AT 23:51

अभी मैं जीते-जी भटक रहा हूँ और
मरने के बाद मेरी रूह भट्केगी, क्युंकि
मैं और मेरा,कुछ अधूरा जो छूट गया💔

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12 APR 2021 AT 11:05

(Read caption)

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24 DEC 2020 AT 0:43

मेरे दिल कि आवाज़ हो तुम,
मेरी ख़ामोशी के पीछे कोई राज़ हो तुम
कैसे बताऊँ इस दुनिया को, हाल -ए- दिल मेरा
मेरे साज़ के हर गीतों में कोई अल्फाज़ हो तुम।।

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