QUOTES ON #मेघदूतम्

#मेघदूतम् quotes

Trending | Latest
18 MAR 2021 AT 9:55

जो सम्पति परिश्रम से नहीं अर्जित की जाती, और जिसके संरक्षण के लिए मनुष्य का रक्त पसीने में नहीं बदलता, वह केवल कुत्सिक रुचि को प्रश्रय देती है।
सात्विक सौन्दर्य वहाँ है, जहाँ चोटी का पसीना एड़ी तक आता है और नित्य समस्त विकारों को धोता रहता है। पसीना बड़ा पावक तत्व है मित्र, जहाँ इसकी धारा रुद्ध हो जाती है वहाँ कलुष और विकार जमकर खड़े हो जाते हैं।

-


31 AUG 2019 AT 22:23

"मेघदूतम्"

(कविता अनुशीर्षक में)

-


15 APR 2021 AT 21:43

कालिदास संवाद _

ये भटकते कलुषित मेघ दल,
मेरे ह्रदय पर तुम्हारी विरह_वेदना का,
बाण निरंतर चलाए ही जा रहे हैं,
और मैं अपने अंतर्मन में अपनी विकलता के,
अश्रुओं को रोके इन मेघों को एक टक देखता,
इसी सोंच में डूब गया प्रिये कि,

जीवन का सौहार्द समझ कर मैंने तेरा था वरण किया,
अब भटक रहा हूं वन_उपवन खुद का जीवन मरण किया,

अब जा बैठा हूं कंदरा के गढ़ में इन मेघों से तुझे पत्र लिखा,
कामाग्नि का अपने शमन है करके ब्रह्मचर्य का व्रत है लिया,

दिया जो श्राप आवेश में तूने उसका मैंने वरण किया,
अब लौटूंगा तभी प्रिये जब जड़ता मन की चेतन कर लूंगा...

-


22 JUN 2020 AT 11:02

"आषाढस्य प्रथम दिवसे..."

पाहताच तो मेघ काळा आषाढ प्रथम दिवसाचा...
विरही यक्षाच्या चित्ताने मग वेध घेतला त्या मेघाचा...
अलकापूरीत प्रेयसी त्याची प्रेम वियोगात पहुडलेली...
पाठवण्या संदेश तिला मग यक्षाने ही क्लृप्ती केली...
त्या मेघाच्या सहाय्याने संदेश प्रेयसीला पोहचविला...
"मेघदूतम्" रचिला जयाने त्रिवार प्रणाम त्या "कालिदासाला"...
©️✒सारंग
महाकवी कुलगुरू कालिदास दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा....

-


7 SEP 2020 AT 3:54

अङ्गेनाङ्गं प्रतनु तनुना गाढतप्तेन तप्तं
सास्रेणास्रद्रुतविरतोत्कण्ठमुत्कणठितेन।
उष्णोच्छ्वासं समधिकतरोच्छ्वासिना दूरवर्तीं
संकल्पैस्तैर्विशति विधिना वैरिणा रुद्धमार्गः।।

-