सब धरती कागज करु, लेखनी सब वनराय ।
सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुण लिखा न जाय ।।
मारसाब दिवस री घणी घणी बधाई !!
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नशो
क्यूं करो थे नशों,
क्यूं थे इण मायं बशों,
मा बाप थां सूं गणी आश लगाई,
छोड़ दो इणने इणरे माएं थांकी भलाई,
इणरे कारण रोज़ लड़े धणी अर लुगाई,
ओ नशों गणा घरां माएं आग लगाई,
नशा रा हालात अठे ईष्या है,
नशो बे नी करे जकाँ कने पिस्या है,
हेंग दिन तो तावड़े में कमावे,
शामरा 35 वाळो खाटियो पी'र आवे,
पिये जणे तो गणो मजो आवे,
पछे एक पग मारवाड़ दूजो मेवाड़ जावे,
पियां पछे खुद रा घर री पोळ खोल देवे,
बेने शुद नी रेवे हंगे ज्यूँ ई बोल देवे,
केवे लुगाई,
बापू कठे तू म्हाने परणाई,
एक तो दारूढ़ियो है धणी,
दूजी कमाई नी करे गणी,
"पारासरिया" रो तो भायां ओई केवणो है,
नशों थे छोड़ दो अगर जग में जीवणो है।-
*कद समझीया*
मां रे सांगे सांगे,
कद समझीया सगळा रिवाज,
ब्याव रे गीतों री झणकार,
मां रे कंठ सु निकळ'र
कद बसगी म्हारै कंठ।
हैं ज्यूं री ज्यूं
ठाह ई नी पड़ी।
जित्ता गीत, मां ने आवे,
बित्ता ई आवे म्हनैं ,
बियां इ दिखे मां इयु दिखु में,
बियां ई चालें पगा में रीले,
बियां ई जीमु ,सगळा रे जीम्या पछे,
हैं ज्यूं री ज्यूं
कद समझीया ठाह ई नी पड़ी।।
थू कद म्हारे मा समा गई,
ज्यूं री ज्यूं
सगळा केहवा मां री परछाई,
उण रा ही लागे कंठ जद गावे गीत,
न जाने कद रिवाजों में ढल गई थारे ज्यूं,
है ज्यूं री ज्यूं
ठाह ई नी पड़ी।।-
चौमासो चार महीने रो
हाठ दिना री हिटी
ती दिनाऊ लागे तिंडी
बतीसें जमानो हुयो ज़ोर रो
बुढ़िया बडेरां री केवा
चोखी लागे सीदी मेवा
आज र मोटियारा री बातां
अब दिखे दवाइया रो ज़ोर हो-
यूँ ना अँख्या काड प्रेयसी
म्हारो हियो दुखे बावळी
कीं तों बोळ प्रेमली
तू बोले मन्ने लागे प्यारी
गोरी बड़ी दिखे निराळी
कीं तों बोळ शामली
यूँ ना नखरा कर प्रेयसी
लाऊं थारे घाघरो काँचळी
किं तों बोळ बाबूली
तू झरोखे कन्ने लागे प्यारी
मनाऊँ थन्ने देख सावळी
कीं तों बोळ घराली-
पढ़ाई री ली छुट्टी
घणोई तावड़े रो जोर
नपोई इब इमे है जीरो
अरे तेल ई १०० रे बारे
लागे ओ काम अळगु होरो
महिन्द्रा सागे लागी ड्यूटी
खावने बोवा हा बाजरी
खर्चे वास्ते है तिली
मूँगा भाव रा मूँग
ई म्हारी छुट्टी-
अगर जिंदगी में किसी कार्य पर
सफलता प्राप्त करनी हो तो
जान लगा दो
या फिर
जाने दो !!
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अनपढ़ चाचा सरपंच की राजनीति
बदलते समय की मांग के अनुसार
Read in Caption-
बिकाणे रो लहरियों, जोधाणे री जुती।
लेन आए सिंजारा, करेन सब पूर्ति ।।
कजली तीज री हार्दिक शुभकामनाएं 🤗
सिंजारा मुबारक हो 😊🙏
(अनुशिर्षक में पढ़ें 🙏😊)-
हम जमाने और जनाजे दोनों से ही नहीं डरते हैं जनाब !
क्योंकि सरल रास्तों पर सराफत से जीवन बिताते हैं !!-