मन है अतीव क्षुब्ध,
बुद्ध आ जाओ!
कर जाओ हमें शुध्द,
बुद्ध आ जाओ!
जन जन के है विरुद्ध,
बुद्ध आ जाओ!
धरती पर छिड़े युद्ध,
बुद्ध आ जाओ!
हो रक्तपात बंद,
बुद्ध आ जाओ!
हर जाओ सभी द्वंद्,
बुद्ध आ जाओ!
सुनकर कोई-सा छंद,
बुद्ध आ जाओ!
जिस रूप हो पसंद,
बुद्ध आ जाओ!-
मत कर तू अभिमान रे बंदे
एक दिन तू ने ..........
खाक होकर कर राख हो जाना है ।।
Shalini Saklani-
हमारी इच्छाएँ ही हमारे दुख का कारण है,
यह बुद्ध ने समझाया, सत्य, विनम्र बोले
सब से यह सब को बतलाया।
जो जीविका हेतु सही तरीके से धन कमाते हैं,
वही मनुष्य अच्छे आचरण से अपना जीवन बिताते हैं ।
धरती पर रहने वाले हर प्राणी का समान रूप से रहने का है अधिकार,
इसलिए प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए जानवरों से भी प्यार ।
समृद्धि का यही है कहना,
महात्मा बुद्ध की बातों का स्मरण करते रहना।-
अगर है शांत मन तो प्रबुद्ध मन
बस तू हृदय में रख प्रभू लगन
ये अमिट कहां है तेरा तन
खुद से मिलने के तू कर जतन
मन में निस्वार्थ भाव तू दिखा
बस परमार्थ की अलख जगा
अपने अवसाद सभी छोड़ दे
जगत की रुढियां तू तोड़ दे
दीन निर्बलों में तू नई आस भर
हर गर्त में सूर्य सा प्रकाश भर
अपना मनुज जनम तू श्रेष्ठ कर
जगत में मनुष्यता तू सिद्ध कर
तू ही कृष्ण है तू ही राम है
तुझमें भी बुद्ध जैसे प्राण हैं
तू मोह के बन्धनों को त्याग दे
यहाँ नफरतों में प्रेम की तू राग दे
बस अपने तू खोल तो ढके नयन
फिर ये सब जमीं तेरी तेरा गगन
अगर है शान्त मन तो प्रबुद्ध मन
बस अपने हृदय में रख प्रभू लगन
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On this full moon day
Gautama Buddha got
enlightened, on an event
of this day created spiritual
wave in the society and to
be an inspiring for all..-
आसान नहीँ है बुद्ध होना
खुद ही खुद के विरुद्ध होना
विलास वैभव वरद पद,सब
त्याग कर तप करम चुनना
जीते जी खुद को मिटाकर
मृत्यु से पहले मरण चुनना
फल बनकर पत्थर खाना
बीज बनकर खुद को बोना
खुद उगना खुद ही फलना
अमरत्व का वटवृक्ष होना
सत्य के पथ पर ही चलना
अपना दीपक खुद ही बनना
क्रोध पीना, ग़म को खाना
अन्तः करण से शुद्ध होना
हद में रहकर अनिरुद्ध होना
आसान नहीं है बुद्ध होना-