भाई रेवो जींवता , करो भोजायां राज ।
झोळी भर भर देय री, बहनां आशिष आज ।।-
मेरे जज्बातों को अल्फ़ाज़ कर पाऊँ..
लेखन के सफ़र का आगाज़ कर पा... read more
बहना बसे विदेश में ,भाई राजस्थान ।
टेक्नोलॉजी ने किया, रक्षा पर्व आसान ।।
कुरियर कर के राखड़ी, भेज स्विगी से स्वीट ।
नेग पेटिएम पा किया, हैप्पी राखी ट्वीट ।।
विडियो कॉल मिलाय के ,की बहना से बात।
यहां दोपहर दिन चढ़ा, वहां अभी तक रात।।
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भाई बहन के प्यार का, राखी है त्यौहार ।
खुशियां डबल कर देती, भाभी की मनुहार ।।
रक्षाबंधन पर्व पर, झूम रहा परिवार ।
बहना की मौजूदगी , है प्यारा उपहार ।।
बहनें राखी बांधकर, लेती नजर उतार ।
भैया और भाभी पर, बहुत लुटाती प्यार ।।-
दूरगो आसकरण रो, अंगे लीधी आँण ।
मिटस्यूँ पण न मिटण दूं , जीवतड़ो जोधाँण ।।
नैनो थका नरेश रो, दुरगो हौ रखवाळ।
औरंग खासो खप्यौ (पण), हुयो न बांको बाळ।।
खुद खातर नीं जीवियो ,मुरधर रो दुरगेश।
दिल में राख्यो देश अर, निजरां माहिं नरेश।।
निज स्वारथ नीं सारियो,जीवण भर दुरगेश।
धरम धणी अर धरा हित, हाजर हौ हरमेश ।।
✍🏻 घनश्यामसिंह-
इन्दर रम्यो आंगणे रमझम आखी रात ।
जद रिझ्या महादेवजी सोमवार परभात।।
सावणिये दिन सोम ने, जळ थळ होगयो एक।
शिव शंकर रो सांतरो, इन्द्र कियो अभिसेक।।
✍🏻घनश्यामसिंह-
शिव शंकर का ध्यान , जीव को सुख है देता।
मन का मैल मिटाय , पीर तन की हर लेता।।
ओघड दानी नाम, माँगलो जो मन चाहे।
मन्दिर मन्दिर आप , भगतजी भटको काहे।।
सब झूठा जग जंजाळ है, एक शम्भू को ध्याइये।
श्रावण मास शुरू हो गया, आज शिवालय आइये।।-
गुरु गंगा गुरु गोमती गुरू ज्ञान रसधार
जो डूबा दिल खोल के उसका बेड़ा पार-
अवधपुरी में आज मन रहा उत्सव भारी
रामचन्द्र के राज तिलक की हुई तैयारी
नाच रहे नर नार नगर में मनी दीवाली
बरस चतुर्दश बाद मिटी है रतिया काली-
बण बेटी रो बाप स्नेह री बहा सरिता
महकावै घर बार लता बण पुष्पक हरिता
उपजावै अनुराग खोल खुशियों री खिड़की
भला जिणोंरा भाग लाडकी घर मे लड़की-
भायां मांय मेळ नही, ईर्ष्या बढ़ी अनाप
मीत बण्या सब मतलबी बेटा बणगा बाप
भरण प्रीत री भावना हरण सकळ सन्ताप
किसना थां सूं वीनती एकर आवो आप-