" पिकनिक के रंग "
जो वीरान होते हैं, वे बसते हैं,
आनंद के क्षण बनते हैं।
प्रेम की डोरी से बंधने को,
धागे दूर तक फैलते हैं।
( पूरा अनुशीर्षक में )-
20 AUG 2021 AT 16:20
20 SEP 2020 AT 17:39
चाँद तक सीढ़ियों से जा पाते
जब दिल चाहता रोशनी में नहा आते
दिलरुबा से झूठा वादा ना करते
समय निकल चाँद पर पिकनिक मनाते
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18 JUN 2021 AT 10:11
एक कप चाय की प्याली और तुम्हारा साथ,
हमारे लिए हर रोज पिकनिक से कम कहां।-
31 DEC 2021 AT 7:25
अभी बसंत के फूल कहां है
नहीं वक़्त शहनाई का है
घना कोहरा घनघोर हवाएं
शीत-लहर पुरवाई का है
स्वागत करेंगे नये मौसमों का
पर वक़्त अभी विदाई का है
अभी ना जाओ पिकनिक यारों
ये मौसम पढ़ाई लिखाई का है
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24 FEB 2020 AT 0:23
बून्द बून्द आसमां से आकर,
गिरता है रेल की झरोखा छूकर,
छुप सकता है कोई बारिश से छाता लेकर
बारिश में लाल कुर्सी बुला रही है भीग भीग कर
देखते रहेंगे आओ तुम हम मिलकर ,
ताकते रहेंगे रेल, अजनबियों की और ।।sk41-
18 JUN 2022 AT 10:48
पिकनिक पर जाना तो बस मात्र एक बहाना है,
मतलब तो सिर्फ़ अपनों संग, समय बिताना हैं।-