जिस्म से किया हुआ प्यार😏
प्यार नहीं होता.....❌
वो तो सिर्फ हवस होता है।😠-
आज के समय मे कुछ लोगो के लिए मोहब्बत EMI की तरह हो गयी है जिसकी आखिरी किस्त जिस्म की चाहत है...
जिस्म की हवस मिट जाए तो मोहब्बत खत्म...!!-
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"जिस्म की चाहत का इल्जाम सिर्फ मर्द ही क्यों ले,
अगर बटन खोले गए तो हामी तुम्हारी भी रही होगी"||
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रूह की आड़ में जिस्म की अस्मिता तक लूट लेते हैं कुछ लोग..;
प्यार के नाम पर हवस की आग बुझाते हैं कुछ लोग..!!-
हवस के वहशी तो सभी हैं यहां पर
प्यासे को पानी की , कुंवारे को जनानी की
बाकी आपकी शायरी से मुखातिब होकर कहता हूं कि:
तेरी आंखों से भरकर ले जाने हैं
मुझे तेरे आंसू काम में लाने है
देखो हम वहशी या हवसी नहीं , दीवाने हैं,
तुमसे बटन खुलवाने नहीं लगवाने हैं
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हवस मिटानी हो तो कोई जात नहीं देखता,
बात शादी पर आये तो कुंडली तक मिलते हैं लोग..-
अगर सवाल सुकून का है
तुम जो हमें देखकर मुस्कुरा दिया करो
दिल को सुकून मिल जाएगा-
वो जो जाते है उन राहो पे
अपनी शामों को रंगीन करने
सुबह होते ही उन राहो को
बदनाम गालिया कहके रास्ता बदल देते है
खुद ही बेचते है,खरीदते है और
सौदा जिस्मो का करते है बड़े मर्द बनके
फिर भी उस औरत को
धंदेवली कहके बदनाम करते है
रोज़ रात को शराफ़त का लिबास उतारकर
जिसकी इज़्ज़त को तार तार करते है
फिर उसी को "वैश्या" का नाम दे कर
बाजार में नीलाम करते है
वो जो खुद को मर्द कहते है वो कायर भेड़िये है
जो अपनी भूख मिटाने के लिए एक मासूम की
अस्मत से खिलवाड़ करते है
वो जब सौदा करना छोड़ देंगे
तो कोई गली बदनाम नही होगी
कोई मासूम धंदेवाली नही बनेगी
जिस जिस्म से जन्म लेते है वो मर्द
उसे बेचने का ख़्याल छोड़ देंगे तो
कोई औरत "वैश्या" नही होगी
ये समाज का एक कड़वा और घिलौना सच है
जिसे लोग हमेशा नज़र अंदाज़ करते है।
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सबसे छुप कर वो अकेले ही रोती हैं।
लोगों की दरिंदगी को वो अकेले ही सेहती हैं।।
मानकर क़िस्मत वो घुटघुट मरती हैं।
जनाब, छोड़ दो उसे, वो इंसान की ही बेटी हैं।।
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