जिन्हें हम आम जनता कहते हैं
दरअसल वो चूसी हुई गुठलियाँ हैं-
9 FEB 2021 AT 13:44
चलो माना कि मैं नादान मगर तुम कौन सा समझदार निकले।
अरे हम तो ठहरे अबोध मगर यार तुम तो एकदम गद्दार निकले।।-
18 JUL 2019 AT 19:49
"खून चूसने वालों का अंत तो
ताली बजाकर किया जाता है
फिर भी न जाने क्यों वो अपनी
आदत से बाज नहीं आता है"-