जिंदगी की उल्जनो में खोते खोते जाने खुद को कहाँ छोड़ आये ,
मिल जाये दो पल सुकून के ऐसा एक जहाँ ढूंढ़ रही हूँ ।-
9 APR 2018 AT 16:33
31 MAY 2020 AT 15:53
सुना है, कुछ उलझनें
जितनी उलझी हों
उतनी सुलझी होती हैं।
उन्हें जितना सुलझाओ,
उतनी उलझनें होती हैं।
- सोनाली-
19 SEP 2019 AT 19:05
कभी कभी तो पता चलेगा
की मंजिल कोन सी है
क्योंकि....
अभी तो तु हवा में ज़ूम रहा है
बस उलजन है कि समय
चला ना जाए....-
18 APR 2022 AT 21:07
केहते है, जो इन्सान अपने अतीत में जीता है, ओ वर्तमान, या भविष्य में जी नहीं सकता। लेकिन, किसीका वर्तमान और भविष्य ही, अतीत से ही जुड़ा हुआ है तो??
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