तुम इसे आवारागर्दी कहते हो,
ये तो हमारी मोहब्बत है....!-
4 APR 2019 AT 18:57
धुंध नुमा सी शाम गांव की
आंखों में जलता धुआं सा लगता है!!
भीगी हुई पलके भारी हैं मेरी
मुझको ये बददुआ सा लगता है!!
तिश्नगी खींच ले गई मुझे दरिया पर
मुझको भी कुछ हुआ सा लगता है!!
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9 JAN 2022 AT 8:52
देख के तेरी करतूतों को सर्दी भी गर्माएगी,
हर गली से जो तुम गुजरोगे आवारागर्दी शरमाएगी।-