जो मेरी
अंतरात्मा
में
परमात्मा
की
तरह
समाए
हो
शुभरात्रि
-
उसके प्यार नें मुझे आयुष कर दिया _२
फिर छोड़ तन्हा मुझे मायूस कर दिया ||-
जिनके मिज़ाज दुनियाँ,
से अलग होते है,
महफ़िलों मैं चर्चे उन्ही ,
के ग़जब होते है।-
हाँ हो गयी गलती हम मानते है।
औरो का पेट पालने के लिये हम भूमि में दाना डालते हैं।
उस दाने को फल बनाने उसमे पानी हम डालते हैं।
कड़कडाती उस ठंड में सर पर शैला हम बांधते हैं।
गर आजाए जो कोई शेर खेत में, उसे कुत्ता समझ हम मारते है।
सुना था कृषि प्रधान है देश,यह भी हम मानते हैं।
तभी राजनीती ने कहा क्या ये भी कुछ जानते है।
।। माफ करना साहब हाँ हो गयी गलती हम मानते हैं।।
हम किसान है यह बात भी आप जानते है
"हम किसान है साहब हमे किसान ही रहने दे।
किसी ओर को हमारी बाते न कहने दे।।
(आयुष)-
आसमान पर ठिकाने,
किसी के नहीं होते,
जो ज़मीन पर नहीं होते,
वो कहीं पे नहीं होते।
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जो मेरा है ओ मेरा ही रहेगा ....
शायद मुझे मिले भी नही
पर मेरे दिल पर उसिका राज रहेगा...
चाहे ओ किसीको पसंद हो ना हो....-
उम्र _छोटी है तो क्या हुआ,
जीवन का हर #एक _मंज़र देखा है,
फरेबी #मुस्कुराहटो के #संग,
बगल में छुपा #खंज़र 🔪देखा है !
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सिंगल लड़कों का भी अपना,
अलग ही एटीट्यूट है,
मां-बाप के अलावा किसी,
के बाप की नही सुनते..-
┄┅══❁ आयुर्वेद का प्रयोजन ❁══┅┄
प्रयोजनं चास्य स्वस्थस्य स्वास्थरक्षणम् आतुरस्य विकारप्रशमनं च।
(च.सू. 30:26)
इह खल्वायुर्वेदप्रयोजनं व्याध्युपसृष्टानां व्याधिपरिमोक्ष:, स्वस्थस्य रक्षणम् च।
(सु.सू. 1:14)
आयु: कामयमानेन धर्मार्थसुखसाधनम्।
आयुर्वेदोपदेशेषु विधेय: परमादर:।।
(अ.स.सू. 1:2)-