प्रीत लिखो तो मीरा सी
मिलन लिखो तो राधा सी
दोनों ही हैं आधे से
दोनों में ही वो श्याम पूरा सा-
भीड़ में हूँ, खोई थोड़ी हूँ
ग़लत हूँ, गुनहगार थोड़ी हूँ
/
बुरी हूँ, शैतान थोड़ी हूँ
शांत हूँ, चुप थोड़ी हूँ
/
गुस्सा हूँ, नाराज़ थोड़ी हूँ
बस आँखें बंद हैं, मरी थोड़ी हूँ-
बहुत लापरवाह हूँ मैं
अक़्सर भूल जाती हूँ "मुस्कुराना"
पर मेरी हँसी मुझे ढूंढ ही लेती हैं
(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
"Many many happy returns of the day , hope it brings joy and happiness in the coming year.." ...
Happy Birthday ☺️-
अब भी उसे मेरा इंतज़ार बाकी हैं
मैं खफ़ा तो हो गई, पर
मेरा इनकार अब भी बाकी हैं-
दोस्ती का एक हुनर ये भी रहने दे
अपनी आँखों के आँसू मेरी पलकों पर रहने दे
दोस्ती का एक हुनर ये भी रहने दे
मेरे होठों की मुस्कान अपने लब पर रहने दे
दोस्ती का एक हुनर ये भी रहने दे
मेरे ऊपर अपने सारे हक़ रहने दे-
अभी थोड़ी देर पहले अच्छी थी
तेरे जाने से फिर तबियत नासाज़ हो गई
थोड़ा तो मर्ज़ समझ मेरा और रुका जा जरा
वो तुझे कसमें देने की मेरी औकात नहीं-
सुन न...
तू अपनी आँखें गीली मत किया कर
वरना तेरी ही कस्मे तोड़कर
तेरे पास चली आऊंगी
(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
लफ्ज़ यूँ ही ख़ामोश हैं
आवाज़ इसको जो तुम्हारी पसंद हैं
*
हम यूँ ही शांत हैं
शरारत इसको जो तुम्हारी पसंद हैं
(नूर-ए-ज़ोया🍁)-
बस ख़ुशी दूर हैं
चेहरे पर मुस्कान अब भी बाकी हैं
*
उदासी छाई हुई हैं
पर खुशियों की चाभी अब भी बाकी हैं
*
एक चुभन हैं अंदर
पर सुकूँ अब भी बाकी हैं
*
बस बातें ही तो नहीं होती
पर दिल में दोस्ती अब भी बाकी हैं
*
हाँ साथ अपना अब भी बाकी हैं
एक आस अब भी बाकी हैं
(नूर-ए-ज़ोया🍁)-