मेरे सपने........
अब मैं पिजरे से निकलना चाहती हूं,
सपनो की दुनिया में खोना चाहती हूं,
अपने पैरो को फैला कर मैं,
आजाद परिंदे की तरह उङना चाहती हूं ।
आसमान को छुना चाहती हूं,
जिन्दगी को जीना चाहती हूं,
जो सपने देखी हूं मै
उन सपनो को हकीकत में बदलना चाहती हूं ।।
नदियो की तरह बहना चाहती हूं,
कोयल की तरह कूकना चाहती हूं,
जो वृक्ष तूफानो से लङना जानते है,
उन वृक्षो से बनना चाहती हूं।।
सुरज सा दहकना चाहती हूं,
चन्द्रमा की तरह चमकना चाहती हूं,
जो पत्थर विशेष आकृति का रूप ले लेते है,
उन पत्थरो सा बनना चाहती हूं।।
हवाओ सा बहना चाहती हूं,
परेशानियो से लङना चाहती हूं,
समुन्द्री सीप से जो मोतीयाँ बनती है,
उन मोतीयो सा बनना चाहती हूं ।।
हिमालय सा विशाल होना चाहती हूं,
वंशी की पुकार होना चाहती हूं,
वह रात रानी जो रात्री को सुगंधित कर देती है,
उस रातरानी की तरह महकना चाहती हूं।।
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19 MAY 2020 AT 11:03
17 APR 2020 AT 20:50
बाप के बीना घर की
हलात क्या होती है
आज इस बात का
अंदाजा लगाना है,
तो एक दिन सिर्फ
एक दिन अंगूठे के
बिना अंगुलियो से
काम करके देखो
आप को बाप की
कीमत का अंदाजा
लग जायेगा.....!!-
5 AUG 2020 AT 19:06
भाई को बहन लगती परी है
बहन को भाई लगता फरिश्ता है
भाई-बहन का कुछ ऐसा रिश्ता है-
24 MAY 2020 AT 22:48
ख़ुदा की रहमत तुझ पर, बरसती रहें
तू चमकती रहे, जीवन मे आगें बढ़ती रहें॥
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8 MAY 2020 AT 17:01
Aaj ham hai kal hmari yade hongi
Jab hm na honge ,tab hmari bate hongi
Kbhi paltoge jindagi ke panne,
To sayad ap ki aakho se bhi brsate hongi-
15 JUL 2020 AT 16:44
सभी चीज कृत्रिम है,
प्रकृति ईश्वर की कला है !
Nice click by:- Sarika pandey-