#सरस्वती_स्तुतिगान
माँ श्वेतकुञ्जआसिनी,
वागीश वीणावादिनी
हस्त वेद धारिणी ही
सप्तस्वर सार है।।१।।
दुर-बुद्धि नाशिनी के
सद-बुद्धि दायनी के
ज्ञान के प्रकाश से
जग उजियार है।।२।।
ज्ञान चक्षु खोल कर
काम क्रोध लोभ हर
हम जैसे पातकी का
करती उद्धार है ।।३।।
माँ शारदे सुभाषिनी
माँ शोक की विनाशिनी
माँ विश्व वन्दिनीय की
महिमा अपार है।।४।।-
29 JAN 2020 AT 15:13
25 SEP 2019 AT 10:19
मात कलमवासिनी
प्रकाश ज्ञान दायिनी
ताल सुर प्रदायनी
तुझको है प्रणाम।।१।।
धवल मयूख धारिणी
विहंग हंस आसिनी
मां शारदे तू कर दे
संसार का कल्याण।।२।।
वागीश्वरी सरस्वती
महाश्वेता मां भारती
गिरा मां ज्ञानदा सदा
प्रदत्त आशीर्वाद।।३।।
मां विद्या बुद्धि बल तू
क्लांति तिमिर हर तू
मति मूरख की सुन
कर जग उज्यार।।४।।-
5 FEB 2022 AT 8:04
तू वर्णों की ज्ञाता
हे सरस्वती माता
चरणों में तेरे हूँ मैं
सदा शीश नवाता
तू वीणा वादिनी
हे देवी हंस वाहिनी
अज्ञानता हरो तुम
हे माँ विद्या दायनी..
जग के सारे त्रास हरे हम
लवकुश,ध्रुव प्रह्लाद बनें हम
ज्ञान से अज्ञानता के युद्ध में
मन से ये रण जीत जायें हम...श्री— % &-