QUOTES ON #शुभरात्री

#शुभरात्री quotes

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8 JUN 2020 AT 1:12

अंधेरी रात बोलती बहुत है
सिर्फ सुन वो ही सकता है

जो खुद भी अकेला हो....



#शुभरात्रि_दोस्तो 🙏

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26 APR 2020 AT 23:58

यूँ तो लाखों लोग होंगे करीबी अपने।
जो बिना थके सुन लिया करेंगे बातों की किलकारी ।
मगर अपना तो वही कहलाएगा जो,
खामोशीयोँ को भी सुनसके हमारी।।

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10 SEP 2019 AT 19:02

ना पूछ तेरी याद के आगोश मे या ज़िन्दगी हम कैसे जीते है !

कितना फेरेबी है तू यार फिर भी तेरी बात को सच समझते है

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18 FEB 2020 AT 20:37

बच्चों की किलकारी से जो आँगन चहका रहता है
मेरा ये अनुभव है यारो भगवान वहीं पर रहता है ।
स्वप्न सलोने पापा देखें माँ ममता बरसाती है
ताई चाची दादी दादू फूले नहीं समाते है !
और भीनी सी ख़ुशबू से मन सबका बहका रहता है
बच्चों की किलकारी से जो आँगन चहका रहता है !

तुतलाते तुतलाते हम भी फ़िर से बचपन जी लेते है
छूट गया जो रस जीवन का फ़िर से हम पी लेते है !
घुटने के बल भी होकर हम अपनी अकड़ भूलते है
बाहें फ़ैलाकर हँसते हँसते हम फ़िर से जी लेते है !
यादों के झुरमुट से ख़ुद का बचपन आँखों में आता है
मीठी सी मुस्कान लबों पर और मन महका रहता है
बच्चों की किलकारी से जो आँगन चहका रहता है
मेरा ये अनुभव है यारो भगवान वहीं पर रहता है !

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19 JAN 2020 AT 21:15

मातृभूमि की सेवा से जो पीठ नहीं दिखलाता है
घास फूस की रोटी खाकर अपना काम चलाता है
दुश्मन चाहे हो कोई भी नही अपना भाल झुकाता है
धन्य धरा वो मेवाड़ी है जिसमें महाराणा आता है !

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3 MAR 2020 AT 21:16

खाली खाली दिल है मेरा और बड़ी तन्हाई है
यादें बनकर रात अंधेरी अब आंगन में छाई है !
पुरवाई चलने से देखो छुपी कसक भी जाग गई
सूनी सूनी आंखों में अब मेरी बस रुसवाई है !

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8 OCT 2020 AT 19:39

क्या कहूं, इतना खूबसूरत इत्तेफाक था ।
रात आमावस की थी और चांदनी मेरे पास था ।।

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24 FEB 2020 AT 23:11

प्रातः उठकर सबसे पहले
तुम अपने बाल बनाती हो क्या ?
दरवाज़े के सामने आकर
अब भी तुम मुस्काती हो क्या ?
अपनी नींद भगाने को तुम
तब अंगड़ाई लेती थी !
चाय बनाने के चक्कर में
अब भी बर्तन खनकाती हो क्या ?

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4 FEB 2020 AT 22:25

पंछी,तुम देख रहे हो ना,इन बदलती फिज़ाओ को !
लगता जैसे कुछ तो हुआ है , इन हवाओं को !!

पतझड़ के जाते ही फ़िर से,वसुधा में रंग उभर आया !
हृदय के आंगन में फ़िर से इक उपवन है मुस्काया !!

प्रीत-प्रेम,पीताम्बर ओढ़े,थिरक-थिरक रह जाती है !
कोयल भी, आकर मीठा सा, सबको गीत सुनाती है !!

कोयल की,स्वर लहरी सुनकर,मन में भाव उमड़ता है !
कोमल सी पलकों में कोई फ़िर से ख़्वाब घुमड़ता है !!

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1 JAN 2020 AT 20:41

इन दुआओं का कुछ तो असर दिखाओ मौला
इस बढ़ते हुए मेरे सिर के दर्द को बंद कर दो !

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