मालूम नहीं था की ऐसा भी एक वक़्त आएगा
इन बेवक़्त मौसमों की तरह तू भी क्षणभर में बदल जायेगा-
वक़्त के साथ वक़्त से ही लङ रहें
वक़्त के ही खेल में वक़्त से आगे निकल रहें-
बदल जाने का इल्ज़ाम
सिर्फ तुम्हे ही क्यों दू
जब की समय के साथ साथ
मैं भी बदल गई हूं-
वक्त क्या है
महज़ फ़ासला है
दो लम्हों के बीच..
एक मुअम्मा है
ज़िन्दगी का
समझ से परे..
लम्हे ख़ुशगवार हों
तो पंख बन ऊगता है
बदन पर..
लम्हे बोझिल हों
तो बन जाता है
मकड़ जाल...-
वक़्त के साथ साथ लोगो की
राय बदलती रहती है ।
कभी अपनों को लेकर,
कभी अपनी ही पसंद को लेकर।।-
मेरे पास
बस एक ख्वाहिश पूरा करने दो
तुम्हारे सीने पर सर रख के
दिल की धड़कन सुनने दो-
बरसों की हैं ये कहानी
ना मेरी हैं और ना तुम्हारी |
कहती थीं जिन्द़गी लौटूगीं मैं
साथ लेकर जख्म़ गहरे ,
कुछ नए तो कुछ पुराने |
जैसे बरसों की हो तमन्ना
गूँजरे हुए कल को ,
फिर से दोहरानें |
-
वो वक़्त गुजर गया,
जो हमें मिलाने की
कोशिश करता था...
अब ऐसा वक़्त आया है,
जो हमें अलग करने की
साजिशें रच रहा है...-
कभी अपनी तरफ़ भी देखो
अपना ख्याल खुद रखना सीखो
हर वक़्त नहीं रह सकती तुम्हारे साथ
मेरे सहारे अपनी जिंदगी मत जियो-