सफर लंबा ना सही हमनवा मेरे
हर इक लम्हात राह ए सफर के संग तेरे बिताना चाहता हूं-
ख्यालों से अपने बेशक वावली है
अदाएं कतई जहर है भले ही जान सावली है-
हार का जश्न भी हम बड़ी जोर से करेगें,,,जीत की आगाज में,
पत्थर भी कंकड़ बनने का ठान लेंगी,,, जिस दिन समुद्र बनकर गर्जन करूंगी...-
हाथों में कलम...
मेज पर एक पन्ना पुस्तक का लिए...
देख रहा था खिड़की से बाहर उस चांद को...
मध्य रात्रि थी या शायद सांज को...
शीतल हवाये...
छूं रही थी मेरे अंतर्मन, मेरे हृदय पटल को!!
सोच रहा था दिल की गहराइयों से क्या लिखूं और क्या पेश करूं तुझे नजरानें में...
तेरी खूबसूरती लिखूं या लिख दूं मेरे एहसास तेरे बारे में...
फिर ख्याल आया तेरे होठों का...
फिर उस चांद का...
तेरा मुखड़ा ही याद आया...
जब भी देखा चमकते चांद में ...
मुझे बस तू ही याद आया...
देखते ही देखते मेरे हाथ से कलम चलने लगी...
धड़कनें भी तेज चलने लगी...
लिखने लगा मैं अल्फाज...
जैसे उसकी शर्माती आंखों में देख,
जबकि थे बस कुछ पन्ने और कलम मेरे साथ
जैसे करने लगा मैं हूबहू उससे बात !!
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Yeah, I m always comfortable with everyone,,,,,,Not because I m hoping u,,,,,, for humanity to others may give their positive approach.......❤❣❣❣🚩
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धुप और मेरी, कभी बनती नही,,,,,
कभी वो मुझसे सवाल पुछती हुँ ,
कभी मैं उससे,,,,
सर्दी मे मेरा साथ छोड़ देती है....
गर्मी मे मेरी जान ले लेती है.....
क्या कहे!!
हार हर बार मेरी ही होती है,,,,,!😘
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चांद सी चांदनी हो तुम...
कोहिनूर सी इक नूर हो तुम...
शीतल हवा की झोंका सी हो तुम...
बेताज बादशाह की ताज सी हो तुम...
दर्दे दिल की दवा सी हो तुम...
जख्म पे मरहम सी हो तुम...
फूल की कली सी हो तुम...
कलम की दबात सी हो तुम...
आंखों में उमड़ती तड़प सी हो तुम...
हुस्न की मल्लिका सी हो तुम...
बेरंग जिंदगी में इक रंग सी हो तुम...
चाल में हिरनी सी हो तुम...
मुस्कान में सुकून सी हो तुम...
क्रोध पे अंकुश सी हो तुम...
वार पे पलटवार सी हो तुम...
निराशा में इक आशा सी हो तुम...
इक मुजरिम की जश्मदित गवाह सी हो तुम...
मोहब्बत में मगरूर सी हो तुम...
इक आशिक की आशिकी सी हो तुम...
जैसी भी हो बेमिशाल सी हो तुम...
कमाल धमाल बबाल सी हो तुम...
चर्चों में शुरखियां सी हो तुम...
मंद -मंद मुस्कान सी हो तुम ...
नींद में ख्बाब सी हो तुम...
कुछ में बहुत कुछ सी हो तुम...
आदि से अनादि सी हो तुम...
🌞v🎉🎂💐❤️🍔🍹💐👌🤗
💝💖♥️💜💙💚💛🧡❤️💗b💓
💞💕💌💟❣️r⭐🌟💥⚡💫💯 #लवयू
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मेरी जिंदगी का वह अनमोल तोहफ़ा हो तुम...
शब्दों में जो बयां ना कर पाऊं वह नायाब हीरा हो तुम...
हंसाया भी तुमने, संभाला भी तुमने, हर मुसीबत में साथ तुम।
तुमने जो उपहार (परी) दिया है, कैसे करूं शुक्रिया....
तुम ही मेरी प्यारी बहना रिचा...
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कितनी बेचैंन थी वो उस दिन,
रात गुजार दी थी सिर्फ पूछने में,
फपकी भी आस-पास न भटक सकी।।।
और जब सुबह हुई वो बोली ...
"नींद नहीं आ रही थी"।
पर क्यों???
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