देखता हूँ जब मैं अखबार इंडिया का
समझ आता है ये बाज़ार मीडिया का
कोई सुशान्त का वकील बना बैठा है
कोई बन बैठा है वफ़ादार रिया का-
मंज़िल चाहे अलग हो पर,
राह में कोई साथ देने वाला चाहिए।
धोखा देने वाला नहीं...
कोई प्यार जताने वाला चाहिए।💝-
~यूं तो तुम्हें भुलाना मुमकिन नहीं है मेरे लिए पर कुछ इतना ज्यादा बुरा कर दो मेरे साथ कि तुम्हें याद ही ना करना चाहूं!
😈😈-
~आंखों में सपने थे,सपनों में अपने थे, अपनों में धोखा था,और धोखे में हम थे!
❣❣-
मैंने उस रब से एक दुआ मांगी
कि ऐसा दोस्त देना मुझे जो औरों से अलग हो
उसने मिला दिया मुझे आपसे और कहा
लो संभालो इसे ये बाकियो से जूदा है.. 😛-
~सब कुछ बेहिसाब ही तो है जिंदगी में..., हमारा प्यार उनके लिए और उनकी नफरत हमारे लिए!
✍🏼✍🏼-
एक बात पूछनी थी,,
जेल में बंद
रिया को बंदरिया बोल सकते है
♥️😀🤔😪😴🤣😄-
~शुक्रिया मेरी जिंदगी में आने के लिए पर तू रुकी नहीं वापस जाने के लिए...,
अपना अपना कह के तूने सपने तो हजार दिखा दिये अपने तो तुमने नाम के हजार बना लिये!
🙃🙃❤-
~तेरी खामोशियों में ढूंढ रही थी मैं मेरे सवालों के जवाब पर कमबख्त खामोशी तेरी एक नया सवाल कर गई!
😒😒-