QUOTES ON #रिमझिम

#रिमझिम quotes

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12 JUL 2020 AT 8:18

बरसात तो बेशुमार हुई मगर सावन नहीं आया,
अबके बरस भी लौट के मेरा साजन नहीं आया!

मेरी आँखों में छुपा है तेरा ही होने का उजियारा,
दिल में रहा सदा चाँद, पर मेरे आँगन नहीं आया!

बारिश की थी रिमझिम पर बदन में आग कायम,
जिस्म से तू था हाजिर पर मुझे सुकूँ नहीं आया!

बारिश की उम्मीद में, मैं चातक सरीखी बन गई,
पर स्वाति नक्षत्र में भी तू, बूंद बनकर नही आया!

तुमसे जो मोहब्बत की तो मैं दुनिया भी छोड़ दी,
फिर भी तू कभी, मेरा थामने दामन नहीं आया!

मेरी मौत भी बेबस है अब, आ के तेरे दर पर भी,
फिर भी जान कह रही है, मेरा जानम नहीं आया!

विरह के जख्म अब तो नासूर में तब्दील होने लगे,
एक बार भी "राज" तू मरहम बन कर नही आया! _राज सोनी

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रिमझिम बरसे फुहार
चल पड़ी बयार ठंडी छाई घटा अंबर पर ऐसे
लो सावन की रिमझिम फुहार संग ले आई,

लहलहा रही फसलें बयार में चहक रहे पंछी
मोर नृत्य करते पंख फैलाये वातावरण की
शुद्धिकरण हुई,

मन भी हुआ हर्षित ऐसा मानों थोड़ा ही सही
जीवन का कुछ तो ग़म इस बौछार में कम
हुआ,

भूल गये हम कुछ वक्त के जीवन के संघर्षों
को नवचेतन मन में ऐसा जाग्रत हुआ,
भीगे हम भीगे सारे ग़म कुछ तो मन का
बोझ कम है हुआ,

अबके लगी बरसात कुछ ऐसी पहली दफा
हमने अपने मन को खुश है किया,

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रिमझिमनुमा ए ख़्वाहिश
मिरे दिल में बड़ी अजीब सी ख़्वाहिश की
चाहत गुलज़ार सी लगती,

एक रिमझिमनुमा हकीक़त-ए-फुहार की
चाहत मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती,

झाँकती मिरी मायूस आँखे आसमां से
बरसती बूँदो को फ़रियाद-ए-पैग़ाम देने
की चाहत मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती,

छोटी-छोटी बूँदो सी सुपुर्द-ए-ख़ाक सी होती
लगती जमीं पर बहते पानी सी मिरी अधूरी
ख़्वाहिशों की चाहत हकीक़त ए मुकम्मलात
मिरे दिल में गुलज़ार सी लगती,

काश के मुकद्दर ए च़राग रोशन मिरा भी हो
जाये जब ख़ुदा की इनायत की बरसात मिरी
बदनसीब ज़िन्दगी में बरसने की चाहत मिरे
दिल में गुलज़ार सी लगती,

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रिमझिमी लुत्फ़ (कहानी)
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कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें
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13 JUL 2022 AT 14:28

रात के 9 बज रहे होंगें जब नोटिफिकेशन की घंटी बजी। ज्यादा ध्यान ही नहीं दिया कि क्या नोटिफिकेशन है। रात के क़रीब 10:30 बजे देखा तो एक मुद्दत के बाद उसका मैसेज देख के दिल बेतहाशा धड़कने लगा। मन में कई सवाल थे कि अचानक से इतने साल बाद कैसे याद किया। ख़ैर.. मैंने अगली सुबह मैसेज किया कि.. कैसे हो? तो जवाब आया कि
सब ठीक है बस तुम्हारे सहर आया था तो मैसेज कर दिया।
बाहर बारिश थी बहुत तेज और उससे भी तेज थी वो बारिश जो सीने के अंदर हो रही थी और आँखों से बह रही थी। एक मुद्दत के बाद बारिश में भीगी और ये भीगना फिर से ताज़ा कर गया एक उम्र जो बहुत पीछे छूट चुकी थी...
" Raag "

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13 JUL 2022 AT 12:03

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12 JUL 2022 AT 12:04

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11 JUL 2022 AT 20:04


ये तेरा इश्क़ और एहसास की बारिश में
आज भीगती रही फिर देर तलक..

बड़ी दिलकश है ये बूँदों की चुभन भी
इस बेबसी में मगर दम घुट ना जाए कहीं..

मेरे ख्याल की बीनाई है खुशबू तेरी
चिंगारी बन के मेरी साँसों में सुलग जाती है..

मैंने जब भी भरा है बूँदों से दामन
तेरी तस्वीर पानी पर उभर आती है..
" Raag "

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12 JUL 2022 AT 13:42

थरथराता है बदन और हरारत रहती है
तेरी नज़रों में जब भी शरारत रहती है

एक तो मौसम बारिश का दूजा हाय ये दूरी
बूँदों की रिमझिम में प्यास अधूरी रहती है

छू जाते हैं लब जब लबों से आ के
बदन टूटता है होठों पे बगावत रहती है

बिख़रे बिख़रे से हैं एहसास यूँ दिल के
समेट लो आग़ोश में धड़कन दीवानी कहती है

चले आओ कि फिर ना लौटेगा ये वक़्त
बीत ना जाए सावन ये दूरी बहुत रुलाती है
" Raag "

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