इश्क़ गणित का कोई फार्मूला तो नहीं
कि लगाया और हल हो गया...
इश्क़ तो पलाश के उन फूलों की तरह है
जिनसे धरती की गोद सुर्ख हो के
खिल उठती है...
" Raag "
-
Raag
(Dreama singh)
3.5k Followers · 525 Following
Born on 24th november
Post graduate in punjabi...
a fashion designer.. a professional hair d... read more
Post graduate in punjabi...
a fashion designer.. a professional hair d... read more
Joined 18 August 2019
YESTERDAY AT 13:31
16 JUN AT 11:41
इश्क़ बारिश की उन बूँदों की तरह है
जिन्हें मुट्ठी में समेटने की ख्वाहिश में
हाथ तो गीले होते हैं मगर खाली रह जाते हैं...
" Raag "-
14 JUN AT 12:21
पुकारो ना एक बार फिर से उसी प्यार से
तुम्हारे होठों पर मेरा नाम अच्छा लगता है...
" Raag "-
13 JUN AT 11:01
इश्क़ की आख़िरी हद तक वो आजमाता है
काजल भरी आँखों से कतरा-कतरा पिघल जाता है...
" Raag "-
12 JUN AT 12:23
हम कतरों पर फ़क़्त आँसू नहीं बहाते
हमने दरिया छोड़े हैं किसी की ख्वाहिशों के लिए...
" Raag "-
11 JUN AT 22:38
कहाँ देखा था तुम्हारी शक्ल ओ सूरत को इश्क़ में
बस एक दिल था जो तुम पर लुटने पर आमादा था...
" Raag "-
11 JUN AT 11:47
वो जो बाँध गए थे तुम
इश्क़...
मेरे पल्ले के छोर से...
फिर कहाँ सरक पाया वो...
उम्र भर बंधा रहा
मुझसे...
तुम्हारी स्मृतियाँ बन कर...!
" Raag "-
10 JUN AT 21:09
इश्क़ के नाम पर कुछ मलाल बचे रह गए
ग़र ये भी इश्क़ है तो एक इश्क़ ये भी सही...
" Raag "-