Happy Diwali to all my nears and dears
" Raag "-
Post graduate in punjabi...
a fashion designer.. a professional hair d... read more
भरते हैं पहले तेरा अक्स लफ़्ज़ों में
फिर लग जाते हैं कस के तेरे सीने से...
" Raag "-
हम दोनों की मोहब्बत में फ़र्क बस इतना सा..
मैं उस जैसा सोचती
वो पूरा मुझ जैसा हो जाता...
" Raag "-
वो चलते हुए जब तुमने
मेरे हाथ को अपने हाथों में थामा...
अपनी उँगलियों में
मेरी उँगलियों को कस के जकड़ लिया...
तो मानो जैसे कुछ पल के लिए
वक़्त वहीं ठहर गया हो...
वो तुम्हारे हाथों की गर्माहट
सुकून थी मेरे लिए...
सच में कुछ स्पर्श
कभी नहीं भूलते...
" Raag "-
आज फिर दिल उदास है बहुत...
तू छेड़ कोई धुन ऐसी कि
मेरे ज़ख्म भी गुनगुना उठें...
" Raag "-
ऐतराज़ तेरी मशरूफियत से तो है ही नहीं
मगर तुझे नज़रअंदाजी के बहाने और भी आते हैं
ख़ैर ! हम तो मजबूर हैं अपने ही दिल के हाथों
वरना बताते कि जीने के तरीके हमें भी आते हैं...
" Raag "-
अफ़सोस नहीं कि रोये हैं तेरे गले लिपट कर
पैमाने छलक ही जाते हैं भरे हुए आख़िर...
" Raag "-
हाथ उठते हैं दुआ में और होंठ मुस्कुरा देते हैं
तुम वो ख्वाहिश जो दिल में छुपी रहती है...
" Raag "-