भयभीत हुई थी नज़रे Syllabus को देखते
लेकिन LBSNAA में जाने की चमक मेरी आंखो का सबब बनी......-
UPSC-ऐ-Ishq
Current affairs के दीवानों की लैला जैसी हालत होती है,
News के हर Bulletin के साथ उनकी Current पर अच्छी पकड़ होती है।।
पहले Mains की तैयारी कर लो, क्योंकि Pre तो इनकी Clear ही होती है,
और इसी गलतफहमी में हर Attempt कम होती है।।
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Upsc Aspirants
सबने की अगुवाई कहा करलो तैयारी
UPSC की क्योंकि अब यही नियति है तुम्हारी
एक Decision में UPSC ज़हन में उतरा
और LBSNAA की मुहब्बत में सब कुछ खो गया
सपने थे सफलता के ,
वादा था मुकाम हासिल करने का
कुछ जिम्मेदारियां UPSC के आड़े आयी
कुछ मजबूरियों ने है राह भटकायी..
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UPSC का प्रचार करके, SSC को गले लगाते हैं,
ये आज के युवा है जनाब,
अपने ही घर में आग लगाते हैं।।
भारत की स्थिति कैसी है, ये भी वो लोग बताते है
खुद कांड करके, दूसरो को फसाते है,
अपनी योग्यता का बखान, पूरे क्षेत्र में करते हैं,
बाकी ना रह जाए कुछ भी इसलिए सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करते हैं।।
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100 ग्राम फाउंडेशन लगा श्रीगांर रस दर्शाती है,
ये आज की छात्राएं है जनाब
बिना लिपस्टिक लगाए तो कोचिंग ही नहीं जाती है।
इनका आधा सिलबस तो चर्चाओं में ख़तम हो जाता है
बाकी का आधा में कई साल निकल जाता है।।-
★लक्ष्य आई.ए.एस★
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कैसे कह दूँ,
कि थक चूका हूँ मैं।
ना जाने कितने लोगों की उम्मीद हूँ मैं।
【 #i will win...not immediately but definitely ✌️✌️】-
पापा की परी के हजार जुमले होते है
यहां मुखर्जी नगर में बहुत से मनचले होते हैं,
कई धुरंधर तो बिना कोचिंग के
भी Mains निकाल लेते है,
Interview में रह गया उनकी प्रेमिका के
बहाने होते है।।
अरे बस 1 नंबर से मेरा हो नहीं पाया
कहने वाले,
महबूबा की गोद में अक्सर
पार्कों में दिख जाया करते है।।-
यूपीएससी में लूट गया वो फसाना हूं
मै तो मसूरी का दीवाना हूं,
UPSC के दर पे तो होड़ लगी है,
असल में मै तो मुखर्जी नगर का दीवाना हूं।।
Vibha Pathak
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अगर पड़ने का मन ना करे
तो क्या करना चाहिए सब
अपने अपने idea दो ऐसे
सबकी help भी हो जाएगी-
अचानक एक विद्यार्थी जुदा हो गया
छोड़ शैतानियां अब वो शांत हो गया,
फूल के समुन्द्र सा गांव था उसका
अचानक ही वो UPSC के चक्कर में
मुखर्जी नगर में आके हलाल हो गया,
UPSC में सफलता ना मिलने पर उसने मौत को गले लगाया था
कुछ इस तरह माता पिता का कर्ज उतारा था,
गलती किसकी ये कोई ना जान पाया
उसके जनाजे का खर्चा भी उसका पिता उठा ना पाया,
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