एहेन निर्मोहि आहाँ भेलौं कोना
हेयौ सजना
तोड़ि गेलौं दिल आ तोड़ल सपना
हे यौ सजना
निशदिन आँखि बरसि रहल अछि
देखऽ लेल आहाँ के तरसि रहल अछि
आहाँ नै बुझल हमर दर्द कोना
हेयौ सजना
कोना कहु कोना दिन कटैया
जीबै नै छी मुदा प्राणो नै जाइया
जिनगी बोझ लागै आहाँ बिना
हे यौ सजना
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मुझे पता है तुम प्यार नहीं करती मुझसे,
पर इस नादान दिल को कौन समझाएगा।।-
इस्तीफा-ए-इश्क़ कहाँ मंजूर होता है प्यार में।
अक्सर इसकी कीमत 'जिंदगी' से होती है।-
लाये थे 'उम्र' माँग कर चार दिन की खुदा से,
दो ख्वाहिश में कट गए,दो इंतज़ार में!!-
मैथिल समाज मे कोजगरी का अपना ही महत्व है।
यहाँ आज के दिन लोग एक दूसरे के घर जा कर मखाना, पान, मिगई आदि लेते हैं और हाँ जिनके घर इस साल शादी हुआ हो वहाँ तो भोज होता है आज मस्त वाला।
एक वर्ष मे जितना भी पर्व हो हर बार लड़के पक्ष वाले लड़की वालों को उपहार देते है ये अकेला पर्व होता है जब लड़की वालों के तरफ से लड़के वालों को उपहार दिया जाता है।
विविधता भरा देश है अपना यही इसकी विशेषता है।
#MaithilCulture-
आए जब तेरे कुर्बत में तो खयाल आया,
मैं जिंदा था कि अब मुझे जान आया!!?-
हाँ, मुझे अपने ग़म को बताना नहीं आता,
पर तुम्हें भी तो अंदाजा लगाना नहीं आता।।
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इश्क़ और जुदाई के बीच एक छोटा सा फासला है,
जिसे यादों से ही तय किया जा सकता है।।-
विरह वेदना
विह्वल मनक विरह वेदना,
किनका कहु, कहलो नहि जाय।
प्रियतम गेला मोर विदेशिया,
बिछोहक दर्द सहलो नहि जाय।
जानै छी हम, हमरे खातिर,
ओ परदेश में भटकै छथि।
मानै छी हम, दूरो रहि कs
हमर हिया में धड़कै छथि।
ई निर्मोही सरदक रतिया,
चित्त जे हमर चोरेनै जाय,
हुनकर रस्ता देखि- देखि कs,
आँखि आब पथरेनै जाय।
हुनका प्रभु दियौ ई चेत
हमरो नहि बिसरेनै जाय।
अपने आबि एकहि बेरी,
नैन क हमर जुड़ेनै जाय।
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