In the honour of
Chetak
Read the poem below in the caption and don't forget to to give your valuable and precious comments so that I can descover; how about my writing skills?-
31 MAR 2020 AT 14:46
13 JUN 2021 AT 8:24
वह शत्रुओं का काल था,अकबर का वह भय था।
वह कीका राजकुमार था,वह महाराणा प्रताप था।।
वह तूफान पर सवार था,वह चेतक भी तूफान था।
वह 80किलो का भाला था,वह महाराणा की शान था।।
वह चितोड़ की आन था,वह शत्रुओं का काल था।
माँ भारती का लाल था,वह खुद मे कमाल था।।
वह कुम्भा का होश था,वह बप्पा का जोश था।
वह सांगा सा अडिग था,वह जयवंता का लाल था।।
वह मेवाड़ की शान था,वह एक धधकती आग था।
वह प्रकाश था ताप था,वह राणा उदय का पुत्र था।।
वह छापामार युद्ध था,वह रक्तताल का संग्राम था।
वह संग्राम सा वीर था,वह स्वाभिमानी वीर था।।-