QUOTES ON #महराजगंज_यूपी

#महराजगंज_यूपी quotes

Trending | Latest
18 FEB 2020 AT 23:59

Zindgi ne hme
bahut se sikh diye
Muskile sari bidhata
meri kismat me likh diye

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9 FEB 2020 AT 11:04

सुना हैं मिठा देने से
रिश्तों मे मिठास आती हैं
तो हमे भी कोई चाकलेट दे दे
आज चाकलेट डे है ...!!
(Happy chocolate day)

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14 FEB 2020 AT 8:55

सितारों के उस पार उसकी नज़ीर बस्ती है,
न मेरी औकात, न ही मिलने की हस्ती है|

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23 SEP 2020 AT 22:45

#दिनकर_जी_को_जन्म_जयंती
#पर_शत_शत_नमन

मन कहता है,बहुत लिखूं , प्रभु कैसे
करूँ अवज्ञा?
तुझ सागर को, कुछ भी लिख दूँ ,
इतनी दे-दे आज्ञा!
तुझको पढ़कर तुझको सुनकर, बस
इतनी क्षमता मेरी
तेरा शब्द तुझे ही अर्पित कर
सकती है प्रज्ञा!

जन्म - दिवस पर कलम अकिंचन,
क्या देगी उपहार तुझे;
देवों के संग स्वर्गलोक में, नहीं कोई
दरकार तुझे!
साहित्य प्रभो! यदि पुनः धरा पर
आने की इच्छा है तो;
हरबार जनम इस देश मे हो, सौ बार
नमन व प्यार तुझे!

#शत_शत_नमन
🙏🌹🙏
#रचनाकार_आलोक_शर्मा_महराजगंज

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23 SEP 2020 AT 22:40

. #जन्म_दिवस_हार्दिक_बधाई
#प्रिये

हो जीवन मे हरियाली प्रिय, ऐसा
पावस पाऊं मैं!;
तेरा प्यार साथ मेरे हो, जहाँ कहीं
भी जाऊं मैं!
तेरी मांग के सिंदूर ने ही, मुझको
यह अधिकार दिया!
नइहर में हो जन्म तेरा औ ससुरा
दिवस मनाऊं मैं!

#रचनाकार_आलोक_शर्मा_महराजगंज

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15 JUN 2021 AT 11:07

. #आदरणीय_विष्णु_सक्सेना
🌹🙏🌹

मायके से लौट आतीं, कोयलें भी
बाग में,
जब कभी तुम गुनगुनाते,हो किसी
भी राग में!
शब्द तेरे लबको छू,बाहर निकलते
जब गुरु,
प्रेम की बरसात होती, नफरतों की
आग में!!

#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी

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29 MAR 2020 AT 9:48

#शहर_का_कहर_गांव_की_छांव

छोड़ दिया "बीबी बच्चो औ", माटी
का परिवेश;
रोता रहा "गांव" इनको, पर नहीं
लिया सन्देश!
रोज "सजाई थाली" जिनकी, उसने
भूखाछोड़ दिया!
नहीं शरण जब मिला धरा-पर, लौटे
अपने देश!

ज्ञात हो गया, आज इन्हें, कि "जन्म-
भूमि" क्या होता है;
उसका 'एक 'झलक' पाने को, कैसे
ये दिल रोता है!
लाख उड़े, डाली पर बैठे,दुनिया की
वह भ्रमण करे!
पर वही परिंदा रात हुई जब, अपने
घर ही सोता है!

जहाँ फसल प्रतिदिन मुस्काए, झरने
ताल नहर से;
जिस माटी से "रोटी मांगे", लाखो
लोग शहर से!
ऐसी धरती छोड़ के जिसने, सड़क
बनाई शहरों में;
छोड़दिया उन्हें उसी सड़क पर,चाहे
मरे कहर से!

#रचनाकार_आलोक_शर्मा_महराजगंज
#उत्तरप्रदेश

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11 FEB 2020 AT 8:12

इश्क का जुनून था हमपे गवारा मत समझना

इश्क़ में हूं बेचारा पर मुझे आवारा मत समझना

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7 DEC 2019 AT 19:39

#मधुमास_नया_दे_जाता_है/ #खुश_रहें

जग जितना "ठुकरायेगा", जीवन उतना
आज़ाद मिलेगा;
अच्छे कर्मो का अच्छा फल, एक ना एक
दिन बाद मिलेगा;
काली रात "अमावस" में,बस खुद को ना
खोने देना!
दिन का सूरज अस्त हुआ तो, तुझे निशा
का चाँद मिलेगा!

विश्वास लिए जो खड़ा वृक्ष है, क्या क्या
नहिं सह जाता है;
आँधी, बिजली, बारिश के संग, आतप
उसे सताता है!
मजबूत "जड़ों" के इस "स्वामी" को, पर-
परवाह नहीं होती!
पतझड़ में "पत्ते" गिरते, मधुमास नया दे
जाता है!

#रचनाकार_आलोक_शर्मा_महराजगंज
#यूपी

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15 FEB 2020 AT 21:01

उपर वाले से दरख्वास्त है ये

अकेली तनहाई ना बर्दाश्त है ये

# बेगुनाह कुँवारा

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