#अभिभावक_जोड़े_को_पावन_दाम्पत्य
🙏🏼 #की_हार्दिक_शुभकामनाएं🙏🏼
अंश कोख को नमन सदा, जिसने हमको
संसार दिया,
संस्कार, सोहबत, शिक्षा, चुम्मा-चाटी औ
प्यार दिया!
जिनके चरण को छूकर वन में पुरुषोत्तम
श्री राम बने,
परिक्रमा कर जिस जोड़ी का वक्रतुंड
विद्वान बने!
व्यक्ति नहीं माँ बाप कभी,यह तप व त्याग
का आसन है,
बने सुराही मिट्टी जिनसे, पावन प्यार
प्रशासन हैं!
हो अनंत यह सालगिरह प्रभु मांग व सिंदूर
साथ रहे,
जब-जब जन्म धरा पर हो, बच्चों के सिर
पर हाथ रहे!!
पुत्र समान हम सभी बच्चों व शिष्यों के अभिभावक
आदरणीय डॉ घन्यश्याम शर्मा जी, प्रो.राजशास्त्र,पी.
जी कालेज महराजगंज को दाम्पत्य जीवन के नववर्ष
की असीम शुभकामनाएं🙏🏼🎂🙏🏼♥️
#रचनाकार_आलोक_शर्मा_महराजगंज-
"ख्याल उसका करें"!
... read more
. #वह_शिवाला_न_था
🌹🙏🏻🌹
क्या? घनेरी "क़हर" तूने डाला न था!
जिंदगी में कहीं, जब उजाला न था!
लड़ रहे जाम थे महफ़िलों में तेरे;
मेरी किस्मत का कोई भी प्याला न था!
तेरे कहने पे बोतल उठा ली मगर;
"पी" लिया था"रक़ीबों" ने, हाला न था!
हो के महफ़िल से मायूस घर ज्यों चला;
गिर गया, पर किसी ने सम्भाला न था!
माँ थी अबतक जगी,भूख भी थी जवाँ;
पर रसोई में कोई निवाला न था!
"गर्दिशें" "गुरबतों" से ही लड़ती रहीं;
ऐ खुदा ऐसी रहमत क्या डाला न था!
वक्त तूँ ही बता क्या से क्या क्यों हुआ;
ये गजब जिसने की,क्या ग़जाला न था!
पूजता रह गया उम्र--भर मै जिसे;
उसने खुद कह दिया वो शिवाला न था!
#रचनाकार
#कवि_आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी
#संपर्क_सूत्र_9935748233-
वक्त सबसे बड़ा जादूगर है जो
पलभर में आपके चाहने वाले
के चेहरे से नक़ाब हटा देता है!
-
. #प्रेम_द्रोही
हो नफरतों की बात पर, नफरत है
इनको प्यार से,
इतिहास में, कोड़े भी खाये, प्रेम
ने दरबार से!
रूह-फरिश्ते और जिस्म का उनको
इल्म कहाँ होता,
अनुराग हृदय का जला हुआ हो,
जिनका खुद अंगार से!!
#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी-
यदि विवाद "अकारण" होता है,
तो
उसके पीछे कोई कारण होता है!
व्रत
तो एक मात्र दिखावा है साहब,
दूसरे
दिन चार बार "पारण" होता है!-
अक्सर गाता था जिसपे नहीं साज वह
सबको मालूम है, अब है नहीं राज वह!
कल को जान था मिलने, किसी गैर से,
अलविदा कह दिया है, मुझे आज वह!!-
. #कलम_का_शौक़
बर्फ यदि है, कहीं जल में, तो वो
गलती रहेगी,
बुराई यदि न निकली मन से, तो
पलती रहेगी,
लिखा हूँ मैं, पढ़ेगा कौन, इसकी
है नहीं चिता?
कलम का शौक़ है चलना, वो यूं
चलती रहेगी!
#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी-
. #अंजना_जी_संग_संजय_जी
#शादी_सालगिरह_की
#असीम_बधाई
पढ़ रहा था अंजना जी, पर हुआ
विश्वास अब,
आप दम्पत्ति के लिए,है प्रेम सबके
पास अब!
शब्द शायद कम पड़ेंगे आप दोनों
के लिए,
चाँद - सूरज मिल गयें हैं, क्या कहूँ
कुछ खास अब!
🌹🎂🌹
#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी-
. #इंटरनेटिया_रिस्ता_के_भविष्य
जे एफ.बी पर प्यार करे, अउ इंटरनेट
पर शादी,
लुग्गा - कपड़ा मेहरी बदे ऑनलाइन
के आदी!
आइल गईल ब्यौरा के जहं खाता अउर
बही ना,
ताहि घरे धन लुग्गा -कपड़ा मेहरी मास
रही ना!!
#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी-
. #आदरणीय_विष्णु_सक्सेना
🌹🙏🌹
मायके से लौट आतीं, कोयलें भी
बाग में,
जब कभी तुम गुनगुनाते,हो किसी
भी राग में!
शब्द तेरे लबको छू,बाहर निकलते
जब गुरु,
प्रेम की बरसात होती, नफरतों की
आग में!!
#रचनाकार
#आलोक_शर्मा_महराजगंज_यूपी-