QUOTES ON #मन्नू_भंडारी

#मन्नू_भंडारी quotes

Trending | Latest
26 AUG 2019 AT 5:39

कई बार यूँ ही देखा है
ये जो मन की सीमा रेखा है
मन तोड़ने लगता है
अन्जानी प्यास के पीछे
अन्जानी आस के पीछे
मन दौड़ने लगता है

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14 NOV 2019 AT 9:29

आइए, आज पढ़ते हैं लेखक नवीन चौधरी का मन्नू जी से मिलने का वाक़या

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9 OCT 2019 AT 6:00

''लिखने की जवाबदेही और किसी के प्रति चाहे न हो, अपने प्रति तो है । हम अपने होने की सार्थकता कहाँ ढूँढें ?"

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9 MAY 2019 AT 13:04

"मैंने अपनी पीड़ा
किसी को नहीं बताई
क्योंकि मेरा मानना है कि
व्यक्ति में इतनी ताकत
हमेशा होनी चाहिए कि
अपने
दुख, अपने संघर्षों से
अकेले जूझ सकें।"

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8 MAY 2019 AT 15:13

किस शख़्सियत का चित्र है?

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5 MAY 2021 AT 17:25

प्रथम प्रेम ही सच्चा प्रेम होता है; बाद में किया हुआ प्रेम तो अपने को भूलने का, भरमाने का प्रयास-मात्र होता है...

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13 AUG 2020 AT 10:25

अरे यों तो धोती के नीचे सभी नंगे हैं और इस ससुरी राजनीति में तो धोती के बाहर भी नंगे। पर दा साहब एकदम अपवाद! धोती के नीचे भी धोती ही निकलेगी इस गीता बाँचनेवाले के। खाल खींचने पर ही सामने आ सकता है इनका नंगापन।

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24 OCT 2020 AT 11:46

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15 DEC 2021 AT 14:29

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16 NOV 2021 AT 19:07

मन्नू भंडारी
(03.04.1931-15.11.2021)
अंतर्द्वंद्व, नारी मन, प्रेम
समझना हो तो रख दो
किताबें एक तरफ़ सारी
और
पढ़ डालो मन्नू भंडारी

यकीन मानो खो जाएगी
सुधबुध तुम्हारी
उनके जाने से हो गई
हिंदी साहित्य को क्षति भारी

कम ही साहित्य सेवी हैं
जो रहते निर्लिप्त
आप रहेंगी हमारे हृदय में
हमेशा जीवित

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